जी लो ज़िंदगी, पल ये जाने वाला है! Live you life, this moment is about to pass!

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जी लो ज़िंदगी, पल ये जाने वाला है!

हर दिन नया उपहार लेकर आता है, द्वार पर ठहरता है और प्रतीक्षा करने के बाद चला जाता है। अगर उसके स्वागत के लिए तुम तैयार हो तो वह उपहार प्रदान करता है, नहीं तो बहुमूल्य उपहार वापस लेकर चला जाता है। हमारा जीवन कुदरत का अनमोल तोहफा है। जिस तरह बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, वैसे ही एक-एक दिन से जीवन बनता है और हर दिन वरदान है, लेकिन हममें से अधिकांश लोग इसे वैसे ही बर्बाद कर देते हैं, जैसे गुजरा हुआ कल किया या आज के इन पलों को कर रहे हैं। उस आज को खोने का एहसास ताउम्र रहता है, क्योंकि जीवन के एक मोड़ पर जाकर समझ में आता है कि भविष्य की चिंता में उस सुनहरे पल को खो दिया, जो उपलब्धि बन सकता था।

ज़िंदगी की सच्चाई है आज

आज हमारे जीवन का सबसे बड़ा सच है। आज को नकार कर आने वाले दिनों की सुखद कल्पना नहीं की जा सकती। नोबेल पुरस्कार विजेता अल्फ्रेड नोबेल से कौन वाकिफ नहीं है। उन्होंने विज्ञान, साहित्य और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों के लिए नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन की नींव की कहानी भी दिलचस्प है।

एक दिन अल्फ्रेड नोबेल अखबार पढ़ रहे थे। जैसे ही दूसरे पन्ने पर उनकी नज़र पड़ी, उन्होंने कुछ ऐसा पढ़ा, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते थे। उस पन्ने पर उनकी तसवीर छपी थी और साथ ही उनके बारे में एक खबर भी, जिसने उन्हें अंदर तक हिलाकर रख दिया। खबर की हेडिंग थी – मौत के सौदागर की मौत। अपनी ही मौत का समाचार पढ़कर उनके होश उड़ गए। उनके मन में एक विचार आया। क्या उनके मरने के बाद दुनिया उन्हें मौत के सौदागर के रुप में जानेगी। वह भी सिर्फ इसलिए, क्योंकि उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था। उसी पल उन्होंने थान लिया कि वे कुछ ऐसा करेंगे, जिससे लोग उनकी अच्छाइयों को याद करें। अगले ही दिन उन्होंने अपनी संपत्ति के बड़े हिस्से से नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की।

आज पूरी दुनिया में मानवतावादी मूल्यों के लिए उन्हें जाना जाता है। गलती से छपी एक खबर ने अल्फ्रेड नोबेल के पूरे जीवन को बदल दिया। उन्होंने महसूस किया कि यदि उस दिन उनकी ज़िंदगी का आखरी दिन होता तो शायद वे कुछ भी नहीं बदल पाते। उस एक पल में अल्फ्रेड नोबेल ने अपने भविष्य की नींव रख दी। अल्फ्रेड नोबेल को तो अपनी भूल सुधारने का मौका मिला, लेकिन हो सकता है यह अवसर सभी के जीवन में न आए।

वर्तमान ज्योतिर्मय है

मुठ्ठी से रेट की तरह फिसलते लम्हे भला किसके लिए ठहरे हैं? किसी की मौजूदगी हो या न हो – समय की चाल पर उसका कोई असर नहीं पड़ता। जिस क्षण में हम नहीं होते, वह खाली निकल जाता है। ऐसे लोग, जो भविष्य में जीते है, वे इस बात को जान ही नहीं पाते कि ज़िंदगी कब आई और कब चली गई। आज, इसी वक्त का ही जीवन है, जो बीत गया वह सपना है, भविष्य कल्पना है। सुखी वर्तमान से ही भविष्य स्वर्णिम बनता है, इस बात का अच्छी तरह स्मरण कर लें। बीता हुआ दिन हमारी सभी नादानियों, असफलताओं, आशाओं के उल्लास व निराशाओं के दर्द को समेटकर जा चुका है। कोई भी कीमत देकर हम उस गुजरे हुए पल को वापस नहीं पा सकते।

ओशो कहते हैं, ‘अतीत और भविष्य – दोनों का अस्तित्व नहीं है। भूतकाल बीत गया, उसकी कोई कीमत नहीं। वर्तमान को अच्छा बना रहे हैं तो भविष्य की नींव दाल रहे हैं। आज ही तुम्हारा भविष्य है। आज को संवारो, आज हंसो, आज को जियो।’

ऐसे लोग जो भूतकाल को याद करने में और भविष्य की चिंता करने में समय गंवाते है, उन्हें चाहिए कि वे अपने वर्तमान का सदुपयोग करें। हर दिन को व्यवस्थित ढंग से व्यतीत करें और भविष्य जानने की कोशिश न करें, क्योंकि वर्तमान आपके हाथ में है, इसलिए हर दिन का स्वागत उत्साह से करने की आदत दाल लें और हर लम्हे को इतना पी जाऐं, इतना निचोड़ लें कि उसमें से कुछ शेष ही न रह जाए।

देखा जाए तो बीता हुआ समय इतिहास बन जाता है, आने वाला कल अभी तक रहस्य है। हमारा है तो बस यही एक पल है। हम कोई भी काम करते है, वह आज में करते है। आज का काम आज किया जाए, यह सिर्फ कहावत नहीं है, पूरा जीवन दर्शन।

हर दिन एक नया अध्याय है

हर दिन एक नया अध्याय है और हर लम्हा एक कहानी कहता है – इस सच्चाई के साथ हर दिन कुछ उपलब्धि हांसिल करें और मंज़िल की और एक कदम बढ़ाए। आसान राह में भीड़ अधिक होती है। आप भीड़ का हिस्सा न बनें। नई राहें खोजें, नई राहें बनाऐं। नए रास्तों में नए दोस्त मिलेंगे, नई मंज़िले मिलेंगी और ज़िंदगी को पहचान मिलेगी। दोस्तों के साथ संगीत का आनंद उठाऐं और अपनी हंसी को खुलकर प्रदर्शित करने की कला सीखें।

याद रहे, खुशियां हमेंशा बूंदों की तरह बरसती है, नदियों की तरह नहीं आती। बूंदे बारिश में आती है, हर समय नहीं आती। ओस तो हर दिन आती है, पर आसमान से आती हुई ओस दिखाई नहीं देती, कुछ क्षणों के लिए ही सही, ओस होती है। ऐसे ही खुशियां भी दिखाई नहीं देती, लेकिन होती है और ओस की बूंदो की तरह होती है, इसलिए खुशियों के आने का द्वार हंमेशा खुला रखें।

याद रहे, ज़िंदगी के रंगमंच पर कभी रिहर्सल नहीं चलती – हर दिन एक नया और बढ़िया शो दें। यहाँ रिवाइंड नहीं होता, इसलिए अपना बेहतर शॉट दें और आज को सफल बनाऐ।

ज़िंदगी का आखिरी दिन है आज

स्टीव जॉब्स का मानना है कि, “अगर आप हर दिन को कुछ इस तरह से जीएं कि मानो वह आपका आखिरी दिन है तो एक दिन आप बिल्कुल सही जगह पर होंगे, क्योंकि आपने अपने आज को संवारकर अपने कल को बेहतर बनाने की नींव डाल ली है।”

आपने कभी इस बात की कल्पना की है कि यदि आज आपकी ज़िंदगी का आखिरी दिन हो तो आप क्या करेंगे? आप उस दिन को कैसे बिताएंगे। कभी सोचकर देखिए, आपको एहसास होगा कि उस एक दिन में आपने सदियां जी ली है। उस दिन का एक-एक क्षण आपने पूरी तरह से जिया है, क्योंकि कितना संग्रह कर लिया, इसकी कोई कीमत नहीं। कितने आनंद से कोई जी लिया, इसकी कीमत है।

आपने घास के पत्ते पर ओस की बूंद को कभी गौर से देखा है? अब ढलकी, तब ढलकी और देखते-देखते ही ढल जाएगी, हवा का जरा-सा झोंका काफी है। सूरज का निकलना भर होगा और वह भाप बन जाएगी। जरा-सा धक्का और गई, लेकिन जब होती है, तब तो मोतियों को भी ईर्ष्या होती है।

हमारे पास अब वह समय है, जो हमें चाहिए – उन बहुत से अवसरों के साथ, जहां हम साबित कर सके कि हम बहुत कुछ कर सकते है। आइए, आज का भरपूर संयोजन कर पूर्ण रुप से आंतरिक शक्तियां सहेजते हुए हम इसी पल को पूर्ण रुप से जी लें और सुखद भविष्य की कल्पना में खो जाए, ताकि बीते दिनों को कड़वाहट को आने वाली उज्ज्वल खुशियों की चाह मिटा सके।

याद रहे, ‘आने वाला कल जाने वाला है, हो सके तो इसमें ज़िंदगी बिता दो, पल जो ये जाने वाला है…।’

इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article द्वारा दी गयी सीख आपके जीवन में उपयोगी साबित होगी। अगर आपको ये Article उपयोगी हुआ हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह जानकारी जरूर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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