सौभाग्य का रहस्य The Secret of Good Luck

सौभाग्य का रहस्य the secret of good luck

अक्सर हमें लगता है की ‘सौभाग्य’ का कुछ न कुछ रहस्य होता होगा, जो दुनिया के कुछ गिने-चुने लोगो को ही पता है। लेकिन, यह सिर्फ एक गलत फ़हमी से ज़्यादा कुछ भी नहीं है। प्रस्तुत है, “सौभाग्य” की एक सुंदर कहानी।

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में, एडम और लियो नाम के जुड़वां भाई रहते थे। एक ही परिवार, एक ही बचपन, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उनके व्यक्तित्व बिल्कुल अलग होते गए।

एडम हमेशा शिकायत करता था :

“ज़िंदगी कितनी अन्यायी है। दूसरे लोग हमेशा मुझसे ज़्यादा भाग्यशाली होते है।

लेकिन लियो हमेशा कहता था : “अगर आज मैं भाग्यशाली नहीं हूं, तो मैं बेहतर तैयारी करुंगा, ताकि कल भाग्य का स्वागत कर सकूँ।”

एक दिन, पूरे गाँव में एक अफवाह फैल गई : “कल सुबह-सुबह, जो कोई भी ‘अर्ली मून माउंटेन’ पर चढ़ेगा, उसे ‘ओल्ड मैन ऑफ गुड लक’ से मिलने का मौका मिलेगा। जो भी उनसे मिलेगा, उसकी ज़िंदगी बदल जाएगी।”

यह सुनकर एडम मुस्कुराया : “अगर वह सचमुच मुझे भाग्य देना चाहता है, तो वह खुद मुझे ढूँढ़ने आएगा। मैं भोर में पहाड़ पर चढ़कर खुद को क्यों थकाऊ?”

दूसरी ओर, लियो चुपचाप तैयारी करने लगा : उसने अपने घिसे-पिटे जूतों में तेल लगाया। उसने अपने पुराने कोट पर पैबंद लगाए। उसने एक छोटी बोतल में सूखी रोटी और पानी भर लिया।

वह जल्दी सो गया, ताकि भोर से पहले उठ सके। जब आसमान अभी भी कोहरे से भरा था, लियो जाग गया।

पहाड़ पर चढ़ने का रास्ता फिसलन भरा था, चट्टानें नुकीली थीं, हवा ठंडी थी। वह कई बार लड़खड़ाकर गिरा, उसके घुटने छिल गए, फिर भी वह चढ़ता रहा।

पहाड़ पर आधे रास्ते में, लियो ने एक सफ़ेद बालों वाले, बहुत ही साधारण कपड़े पहने, सड़क किनारे बैठे, हाँफते हुए एक बूढ़े आदमी को देखा। उसके बगल में जलाऊ लकड़ी से लदी एक लकड़ी की गाड़ी थी।

बूढ़े ने थकी हुई आवाज़ में धीरे से कहा : “बेटा, क्या तुम इस गाड़ी को आगे ढलान पर चढ़ाने में मेरी मदद कर सकते हो? बस थोड़ी सी दूरी है।”

लियो ऊपर रास्ते की ओर देख रहा था, और उस सौभाग्यशाली बूढ़े आदमी के बारे में सोच रहा था, जिसके बारे में सब बात करते थे।

अगर उसे देर हो जाती, तो वह अपना मौका गँवा सकता था। लेकिन तभी उसने बूढ़े आदमी के काँपते हाथ देखे और आह भरी : “ठीक है, मैं आपकी मदद करुंगा।”

ढलान छोटी थी, लेकिन गाड़ी को ऊपर धकेलने में काफ़ी समय लगा। लियो की पीठ पसीने से भीग गई।

जब वे आखिरकार ढलान की चोटी पर पहुँचे, तो बूढ़े व्यक्ति ने उसे धन्यवाद दिया : “धन्यवाद, बेटा। तुम्हारे बिना, मुझे नहीं लगता कि मैं यहां तक पहुँच पाता।”

लियो बस मुस्कुराया : “कोई बात नहीं। मुझे चलते रहना होगा, वरना मुझे देर हो जाएगी।”

उसने जल्दी से अलविदा कहा और चढ़ना जारी रखा।

आखिकार, जब वह पहाड़ की चोटी पर पहुँचा, तो सूरज पहले ही उँचा जा चुका था। पहाड़ की चोटी खाली थी, बस हवा और बादल थे। न कोई सौभाग्यशाली बूढ़ा आदमी, न कोई चमत्कार, न कोई ख़जाना।

लियो आह भरते हुए नीचे बैठ गया : “मैं जरुर चूक गया…”

वह वहाँ काफ़ी देर तक बैठा रहा, फिर वापस जाने के लिए उठा। जैसे ही उसने मुड़कर देखा, लियो ने देखा… वही बूढ़ा आदमी, जो पहले था। लेकिन इस बार, उसके कपड़े ज़्यादा चमकीले लग रहे थे, और उसकी आँखे अजीब तरह से साफ़ थीं।

वह मुस्कुराया और लियो की तरफ देखा : “बेटा, तुम किसे ढूँढ़ रहे हो?”

“मैं… मैं यहाँ सौभाग्यशाली बूढ़े आदमी से मिलने आया था। लेकिन मुझे लगता है, मैं बहुत देर से आया हूँ।

बूढ़ा आदमी ज़ोर से हँस पड़ा : “अगर तुम देर से आए हो… तो कोई भी कभी समय पर नहीं आया। क्योंकि, मैं वही सौभाग्यशाली बूढ़ा हूँ, जिसे तुम ढूँढ़ रहे हो।”

लियो की आँखें चौड़ी हो गई : “क्या? फिर आप… लकड़ी की भारी गाड़ी लेकर थके हुए बूढ़े आदमी होने का नाटक क्यों कर रहे थे?”

बूढ़े आदमी ने उसकी आँखों में गहराई से देखा और धीरे से बोला :

“सौभाग्य अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति का रुप धारण कर लेता है, जिसे मदद की जरुरत होती है।”

“सौभाग्य अक्सर उन कामों में छिपा होता है, जिन्हें कोई नहीं करना चाहता।”

“सौभाग्य अक्सर उन थकाऊ चढ़ाई वाले रास्तों में छिपा होता है, जहाँ लोग आधे रास्ते में ही हार मान लेते हैं।”

वह एक पल रुका, फिर पूछा : “अगर पहले तुमने सिर्फ़ अपने बारे में सोचा होता और मुझे लकड़ी की गाड़ी के साथ छोड़ दिया होता, तो क्या तुम्हें लगता है कि मैं अब तुम्हारे सामने इस तरह खड़ा होता?”

लियो चुप रहा।

बूढ़ा आदमी धीरे से मुस्कुराया : “लोग अक्सर सोचते हैं कि भाग्य आसमान से बरसने वाला तोहफ़ा है।

लेकिन सच तो यह है कि भाग्य सिर्फ़ उन्हीं को मिलता है जो :

लंबी दूरी से नहीं डरते।

कठिनाई से नहीं डरते।

जब किसी को मदद की जरुरत हो तो मुँह नहीं मोड़ते।

सौभाग्य कभी देर नहीं करता। बस हम… गलत या छोटा रास्ता अपनाते हैं, हार मान लेते हैं, या बहुत जल्दी पीछे हट जाते हैं।”

फिर बूढ़े आदमी ने लियो को एक छोटी सी थैली दी। अंदर… एक छोटा सा बीज था।

लियो के निराश भाव देखकर वह हँसा : “यही एकमात्र उपहार है, जो भाग्य दे सकता है : अवसर का बीज।

यह पेड़ बनेगा या नहीं, फल देगा या नहीं… यह तुम्हारे अपने हाथों और तुम्हारी लगन पर निर्भर करता है, मुझ पर नहीं।”

जब लियो गाँव वापस आया, तो सब लोग पूछने के लिए इकठ्ठा हो गए : “क्या तुम उस सौभाग्यशाली बूढ़े आदमी से मिले थे?”

“उसने तुम्हें क्या दिया? सोना? चाँदी? जवाहरात?”

लियो बस मुस्कुराया और अपना हाथ खोला। उसकी हथेली में एक छोटा सा बीज था।

एडम ने उसे देखा और उपहास किया : “तुम एक पूरा पहाड़ चढ़ गए, और वापस सिर्फ़ एक बीज लाए? क्या बदकिस्मती है।”

लेकिन लियो ने कोई बहस नहीं की। उसने घर के पीछे मिट्टी का एक अच्छा टुकड़ा ढूँढ़ा, बीज बोया और उसे हर दिन पानी दिया।

तपती धूप में भी, वह उसे पानी देता रहा। हल्की बारिश में भी, वह उसे देखने बाहर जाता रहा।

महीने दर महीने, पेड़ ऊँचा होता गया, उसकी शाखाएँ चौड़ी होती गईं, और एक दिन वह फलों से लद गया। फल मीठे और सुगंधित थे, और जल्द ही व्यापारी खरीदने और बेचने के लिए वहाँ उमड़ पड़े।

लियो, जो कभी एक गरीब युवक था, अब अमीर हो गया है और कई लोगों की मदद कर पाया है।

लोग हैरान होकर कहने लगे : “लियो कितना भाग्यशाली है।”

लियो ने अपने घर के सामने लगे बड़े पेड़ की ओर देखा और धीरे से मुस्कुराया। “भाग्य… बस यही नाम है, जो लोग द्रढ़ता, दयालुता और उन कठिन परिस्थितियों को देते हैं, जिनसे हम सब बचना चाहते है।”

कहानी की सीख

सौभाग्य यह नहीं है :

मुफ़्त में कुछ मिलना।

चुपचाप बैठे रहना और अवसर के अपने दरवाज़े पर दस्तक देने का इंतज़ार करना।

सौभाग्य अक्सर इस रुप में प्रकट होता है :

एक थकाऊ, खड़ी पहाड़ी।

एक व्यक्ति, जिसे मदद की जरुरत है।

एक ऐसा काम, जिसे करने में दूसरे सभी लोग बचते हैं।

एक छोटा सा बीज, जो… लगभग बेकार लगता है।

सौभाग्य का रहस्य यह है :

“जब आप वो काम करने को तैयार होते हैं, जिसे करने से दूसरे लोग बचते हैं, तो आपको वो चीजें मिलेंगी, जो दूसरों को कभी नहीं मिलेंगी।”

अगर आप अभी संघर्ष कर रहे हैं,

अगर आप “आधे रास्ते पर” हैं,

अगर आप अपनी ज़िंदगी में किसी तरह की “लकड़ी की गाड़ी” धकेल रहे हैं…

कौन जाने?

हो सकता है की, सौभाग्य का बूढ़ा आदमी, आप जितना सोचते है, उससे कहीं ज़्यादा आपके करीब हो।

कुछ विशिष्ट शब्दों के अर्थ :

अफवाह : उड़ाई हुई ख़बर, बिना पुष्टि (अपुष्ट) के समाचार, किसी घटना का ऐसा समाचार, जो प्रामाणिक न होने पर भी जन-साधारण में फैल गया हो। झूठी ख़बर, बे-बुनियाद बात, लोकवाद, जनश्रुति, लोकोक्ति

पैबंद : कपड़े या चमड़े के फटे हुए अंश (हिस्से) को बंध करने या ढकने के लिए लगाया गया कपड़ा या टुकड़ा। इसे “पैच” भी कहते है।

भोर : सूर्योदय के पूर्व की स्थिति, प्रातःकाल, सुबह-सबेरे। सुबह का वह समय है, जब सूरज निकलने से पहले हल्की रोशनी फैलने लगती है।

इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article में ‘सौभाग्य का रहस्य‘ की जो बात की गई है, वह आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। अगर आपको ये Article से प्रेरणा मिली हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह जानकारी जरुर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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