गैलापागोस द्वीपसमूह
गैलापागोस द्वीपसमूह, पूर्वी प्रशांत महासागर का एक द्वीपसमूह है, जो प्रशासनिक रूप से इक्वाडोर का एक प्रांत है। द्वीप के महत्त्व को समझते हुए, यूनेस्को ने 1971 में इसे ‘प्राकृतिक विश्व धरोहर’ घोषित किया।
क्षेत्रफल : 8010 वर्ग किमी या 3,090 मील
अधिकतम उँचाई : 1,707 मीटर या 5,600 फीट
मानव जन संख्या : 33,042 (2020)
वस्ती गिचता : 3 व्यक्ति/किलोमीटर
इतिहास
खोज और नामकरण
1535 : बिशप टॉमस डी बर्लगा
पनामा के बिशप टॉमस डी बर्लगा ने गैलापागोस द्वीपसमूह की खोज तब की, जब उनका जहाज पेरू की यात्रा के दौरान रास्ते से भटक गया था। बार्लगा ने इसका नाम “लास एनकांटाडास (द एनचांटेड)” रखा। वे विशालकाय कछुओं को देखकर आश्चर्यचकित रह गए, जिससे इस द्वीपों को उनका स्थायी स्पेनिश नाम “गैलापागोस” मिला।
भूविज्ञान
गालापागोस द्वीपसमूह को प्रकृति का जीवंत संग्रहालय माना जाता है। गालापागोस समूह ज्वालामुखियों से बना है। गैलापागोस द्वीपसमूह का कुल भूमि क्षेत्रफल 8010 वर्ग किमी है, जो 59,500 वर्ग किमी समुद्र में फैला हुआ है। गैलापागोस में 13 बड़े द्वीप है, जिनका क्षेत्रफल 14 से 4,588 वर्ग किमी तक है। जबकि 6 छोटे द्वीप और भूमध्य रेखा के पार इक्वाडोर की मुख्य भूमि से 1000 किमी पश्चिम में स्थित कई छोटे टापू और चट्टानें शामिल है।
गैलापागोस द्वीपसमूह के प्रमुख 19 द्वीप
13 प्रमुख द्वीप
- इसाबेला द्वीप
- सांता क्रूज़ द्वीप
- फर्नांडीना द्वीप
- सैंटियागो द्वीप
- सैन क्रिस्टोबल द्वीप
- फ्लोरियाना द्वीप
- मार्चेना द्वीप
- एस्पनोला द्वीप
- पिंटा द्वीप
- पिनजोन द्वीप
- जेनोवेसा द्वीप
- सांता फ़े द्वीप
- उत्तर सेमुर द्वीप
6 छोटे द्वीप
- बाल्ट्रा द्वीप
- बार्टोलोम द्वीप
- डार्विन द्वीप
- प्लाजा द्वीप
- रबीदा द्वीप
- वुल्फ द्वीप
1).इसाबेला द्वीप (गैलापागोस)
इसाबेला द्वीप मुख्य रूप से दो अलग-अलग स्थानों को संदर्भित करता है : एक इसाबेल द्वीप (गैलापागोस) इक्वाडोर का सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी द्वीप है, जो गैलापागोस द्वीपसमूह का हिस्सा है और अपने विशाल कछुओं और ज्वालामुखीयों के लिए जाना जाता है; और दूसरा इसाबेल द्वीप (सोलोमन द्वीप समूह), जो सोलोमन द्वीप के प्रोविंस में स्थित एक द्वीप है और अपनी पारंपरिक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
- भौगोलिक स्थिति : यह गैलापागोस द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप है और इक्वाडोर में स्थित है।
- भूविज्ञान : यह छह सक्रिय ज्वालामुखियों से मिलकर बना है, और यह ग्रह पर सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है।
- वन्यजीव : इस द्वीप पर विशालकाय कछुओं और अन्य अद्वितीय जीवों की कई प्रजातियाँ पाई जाती है, और यह एक महत्वपूर्ण संरक्षण केंद्र है।
- पर्यटन : यह गैलापागोस के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जहाँ पर्यटक द्वीपों का भ्रमण कर सकते है।
2).सांता क्रूज़ द्वीप
गैलापागोस का सांता क्रूज़ द्वीप इक्वाडोर का सबसे अधिक आबादी वाला द्वीप है।
- भौगोलिक स्थिति : यह गैलापागोस द्वीपसमूह में स्थित है, जो प्रशांत महासागर में है और इक्वाडोर का हिस्सा है।
- मुख्य विशेषताएँ : यह गैलापागोस का सबसे अधिक आबादी वाला और दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केंद्र है, जहाँ कछुओं को पाला जाता है और उनके संवर्धन एवं संरक्षण पर काम होता है। यह द्वीप अपने उँचे इलाकों, लावा सुरंगों और कछुओं की बड़ी आबादी के लिए प्रसिद्ध है।
3).फर्नांडीना द्वीप
ये गैलापागोस के सभी द्वीपों में तीसरा सबसे बड़ा और सबसे युवा है। यह दस लाख वर्ष से भी कम पुराना है।
- भौगोलिक स्थिति : फर्नांडीना गैलापागोस द्वीपसमूह का सबसे पश्चिमी द्वीप है
- भूविज्ञान : यह ज्वालामुखीय रूप से सबसे अधिक सक्रिय है और गैलापागोस द्वीप समूह के निर्माण वाले हॉटस्पॉट के केंद्र में स्थित है।
- वन्यजीव : फर्नांडीना द्वीप कई प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास के रूप में कार्य करता है। जैसे की, समुद्री इगुआना, उड़ने में असमर्थ जलकाग, गैलापागोस पेंगुइन, लावा छिपकलियाँ, गैलापागोस हॉक और गैलापागोस समुद्री शेरों सहित अनोखे जीवों का घर है।
- पर्यटन : पुंटा एस्पिनोसा पर्यटक स्थल दो प्रमुख आकर्षण प्रदान करता है – छोटे प्रायद्वीप के चारों ओर छोटी पैदल यात्रा और एक बड़े लावा प्रवाह के किनारे तक अंतर्देशीय लंबी पैदल यात्रा। तट के किनारे के मुख्य आकर्षण में समुद्री इगुआना और उड़ने में असमर्थ जलकाग शामिल है। अन्य आकर्षणों में पेंगुइन, समुद्री शेर, सैली लाइटफुट केकड़े और कभी-कभी गैलापागोस हॉक्स एवं भूमि इगुआना भी शामिल है। यह द्वीप उड़ने में असमर्थ जलकाग और गैलापागोस पेंगुइन, समुद्री घोड़े, समुद्री इगुआना, समुद्री कछुए, शार्क और किरणों की विभिन्न प्रजातियों को देखने के लिए अच्छे स्थल है।
4).सैंटियागो द्वीप
इस द्वीप को ‘जेम्स द्वीप’ या ‘सैन साल्वाडोर द्वीप’ के नाम से भी जाना जाता है।
- भौगोलिक स्थिति : यह गैलापागोस के मध्य में स्थित है और सांता क्रूज़ के उत्तर-पश्चिम में है।
- भूविज्ञान : यह दो ओवरलैपिंग ज्वालामुखियों से बना है।
- वन्यजीव : यह समुद्री गोह, जलसिंह (फर सील), विभिन्न प्रकार के कछुए, राजहंस, डॉल्फिन और हांगर जैसे जीवों का घर है। यहाँ पर विविध पक्षी की प्रजातियाँ पाई जाती है।
- इतिहास : यह समुद्री लुटेरों के लिए पड़ाव था और बाद में यहाँ नमक की खानों का भी उपयोग किया गया था।
- संरक्षण : यहाँ सुअरों का उन्मूलनीकरण अभियान सफल रहा।
- पर्यटन : द्वीप पर विशेष रूप से प्यूर्टो एगास में आप लावा तटरेखा और गैलापागोस फर सील को देख सकते है।
5).सैन क्रिस्टोबल द्वीप
प्यूर्टो बाकेरिज़ो मोरेनो, गैलापागोस प्रांत की राजधानी के रूप में, द्वीप का मुख्य शहरी और आर्थिक केंद्र है।
- भौगोलिक स्थिति : यह द्वीप प्रशांत महासागर में गैलापागोस द्वीपसमूह का भाग है।
- भूविज्ञान : यह द्वीप तीन-चार विलुप्त ज्वालामुखियों से बना है, जो इसे गैलापागोस के सबसे पुराने द्वीपों में से एक बनता है।
- इस द्वीप जुन्को नामक एक छोटी सी झील है, जो गैलापागोस द्वीपसमूह में ताजे पानी का एकमात्र स्थायी स्रोत है।
- इस द्वीप का नाम अंग्रेजी समुद्री लुटेरों ने विलियम पिट, प्रथम अर्ल ऑफ चैथम के सम्मान में चैथम रखा था।
- आबादी और अर्थव्यवस्था : यह द्वीपसमूह का सबसे उपजाऊ द्वीप है।
- इस द्वीप पर चीनी, कॉफी, मक्का, पशुधन और मछली जैसे उत्पादों के निर्यात के लिए एक केंद्र भी है।
- खास बात : 1835 में चार्ल्स डार्विन सैन क्रिस्टोबल पहुंचे और यहाँ के आंकड़े संकलित किए, जो उनकी पुस्तक “ऑन द ओरिजिन ऑफ़ स्पीसिस” में शामिल किए गए।
6).फ्लोरियाना द्वीप
यह द्वीप एक छोटा, ऐतिहासिक है। ये अपने रोचक मानवीय इतिहास और अनूठे वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। इसे “डेविल्स क्राउन (Devil’s Crown)” नाम के पानी के नीचे के ज्वालामुखी शंकु के लिए भी जाना जाता है, जहाँ प्रवाल पाए जाते है। ये द्वीप गैलापागोस के सबसे शुरुआती निवासियों का घर भी था।
- भौगोलिक स्थिति :
- भूविज्ञान : इस द्वीप पर ज्वालामुखीय गड्डे के बजाय राख के जमाव और लावा प्रवाह के स्पष्ट प्रमाण मौजूद है, जिनमें तट पर स्कोरिया शंकु और तट से दूर टफ ऐश शंकु शामिल है।
- वन्यजीव : यह द्वीप प्रतिष्ठित प्रजातियों का घर है, जिनमें फ्लोरियाना मॉकिंगबर्ड, गैलापागोस के रेसर स्नेक और फ्लोरियाना विशाल कछुआ शामिल है, हालांकि आक्रामक प्रजातियों के कारण ये सब खतरे में है।
7).मार्चेना द्वीप
इस द्वीप का नाम स्पेनिश भिक्षु फ्रे एंटोनयो मर्चेना के नाम रखा गया है, जो इस द्वीप के पहले आंगतुक में से एक थे।
- भौगोलिक स्थिति : यह द्वीप उत्तरी द्वीपों में सबसे बड़ा है।
- भूविज्ञान : इसमें एक सक्रिय ज्वालामुखी और एक प्राचीन ज्वालामुखी गड्डा है। इस द्वीप में एक सक्रिय ज्वालामुखी है और 1991 में इसमें कम से कम 100 वर्षों में पहला विस्फोट हुआ था।
- वन्यजीव : इस द्वीप पर समुद्री शेर और गैलापागोस बाज़ पाए जाते है। यहाँ पर मर्चेना लावा छिपकली का घर है, जो एक स्थानिक प्रजाति है।
- पर्यटन : इस द्वीप पर प्रवासीओ के लिए सीधे किनारे पर जाना मना है, इसलिए यह गैलापागोस के सबसे कम ज्ञात स्थलों में से एक है। यहाँ पर आमतौर पर समुद्री जीवन का अनुभव करने के लिए आस-पास के क्षेत्रों में आयोजित पर्यटन के समय पर्यटक गोताखोरी करते है।
8).एस्पनोला द्वीप
यह द्वीप अपनी अद्वितीय वन्यजीव विविधता, खास करके समुद्री इगुआना और वेव्ड अल्बास्ट्रॉस के लिए जाना जाता है, जो यहाँ घोंसला बनाते है।
- भौगोलिक स्थिति : एस्पनोला गैलापागोस द्वीप समूह के सबसे दक्षिणी भाग में प्रशांत महासागर में स्थित है।
- भूविज्ञान : यह द्वीप समूह का सबसे पुराना द्वीप है, इसके कारण यह महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक और जैविक इतिहास को दर्शाता है। इस द्वीप की आयु लगभग 4 से 4.5 मिलियन वर्ष है।
- वन्यजीव : यह द्वीप वेव्ड अल्बास्ट्रॉस के लिए एकमात्र घोंसला बनाने का क्षेत्र है। यहां एस्पेनोला मॉकिंगबर्ड, एस्पेनोला लावा छिपकली और लाल व हरे रंग के समुद्री इगुआना जैसी प्रजातियां भी पाई जाती है।
- पर्यटन : यहां के पर्यटन स्थलों में पुंटा सुआरेज़ (Punta Suarez) और गार्डनर बे (Gardner Bay) प्रमुख है, जो क्रमशः वन्यजीव अवलोकन और स्नॉर्कलिंग जैसी सेवाएँ प्रदान करते है।
9).पिंटा द्वीप
इस द्वीप का नाम क्रिस्टोफर कोलंबस के जहाज ‘पिंटा’ के नाम पर रखा गया है।
- भौगोलिक स्थिति : ये द्वीप इक्वाडोर से पश्चिम में पूर्वी प्रशांत महासागर में स्थित है।
- भूविज्ञान : यह एक निर्जन और सक्रिय ढाल ज्वालामुखी है।
- वन्यजीव : यहाँ समुद्री इगुआना, स्वैलो-टेल्ड गैलापागोस हॉक और फर सील जैसी प्रजातियाँ देखी जा सकती है।
10).पिनजोन द्वीप
यह द्वीप उप-प्रजाति चेलोनोइडिस डंकेनेंसिस (गैलापागोस कछुओं) और गैलापागोस समुद्री सिंहो का घर है।
- भौगोलिक स्थिति : ये द्वीप इक्वाडोर के पूर्वी प्रशांत महासागर में स्थित है।
- भूविज्ञान : ये द्वीप शुष्क होने के बजाय आतंरिक रूप से ऊँचा है,जहाँ घना कोहरा पाया जाता है।
- वन्यजीव : यह गैलापागोस कछुओं और गैलापागोस समुद्री सिंहो का निवास स्थान है।
- पर्यटन : यह पर पर्यटन सुविधाएँ नहीं है और पर्यटन के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
11).जेनोवेसा द्वीप
इस द्वीप को ‘टावर आइलैंड’ भी कहा जाता है और इसे ‘पक्षी द्वीप’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ समुद्री पक्षियों की बहुत ज्यादा आवन-जावन पाई जाती है।
- भौगोलिक स्थिति : यह द्वीप पूर्वी प्रशांत महासागर में गैलापागोस द्वीपसमूह का भाग है।
- भूविज्ञान : ये द्वीप एक शील्ड ज्वालामुखी है, जिसके एक तरफ़ ढहने से ‘डार्विन खाड़ी’ बनी है।
- वन्यजीव : यहाँ लाल पैर वाले बूबी और फ्रिगेटबर्ड ज़्यादा पाए जाते है। अन्य जीवो में यहाँ शॉर्ट-ईयर्ड उल्लू और अलग-अलग प्रजातियों के फिंच और विभिन्न प्रकार की मछलियाँ और शार्क पाई जाती है।
- पर्यटन : पर्यटक यहाँ पक्षियों को देखने और डार्विन खाड़ी में स्नोर्कलिंग का अनुभव करने आते है।
12).सांता फ़े द्वीप
इस द्वीप को ‘बैरिंगटन द्वीप’ के नाम से भी जाना जाता है। यह गैलापागोस द्वीप समूह का एक छोटा द्वीप है। यह द्वीप अपनी स्थानिक प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है।
- भौगोलिक स्थिति : ये द्वीप गैलापागोस द्वीप समूह के मध्य-पूर्व में स्थित है।
- भूविज्ञान : भूवैज्ञानिक रूप से ये द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह के सबसे पुराने ज्वालामुखियों में से एक होने के कारण, यह द्वीप अपनी प्राचीनता के लिए महत्वपूर्ण है।
- वन्यजीव : यहाँ पर सांता फ़े भूमि इगुआना (Conolophus pallidus) पाई जाती है, जो धरती पर और कहीं नहीं मिलती है।
- पर्यटन : इस द्वीप पर पर्यटकों के लिए बैरिंगटन खाड़ी के पास, चट्टान की चोटियों से द्वीप के सुंदर दृश्य या समुद्री तट पर काँटेदार नाशपाती के पौधे और इगुआना देख सकते है।
13).उत्तर सेमुर द्वीप
यह द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह में एक छोटा, समतल और शुष्क द्वीप है।
- भौगोलिक स्थिति : यह द्वीप समूह में स्थित बाल्ट्रा द्वीप के पास है।
- भूविज्ञान : इस द्वीप का निर्माण पनडुब्बी लावा के ऊपर उठने से हुआ था।
- वन्यजीव : यह द्वीप अलग-अलग समुद्री पक्षियों और समुद्री जीवों के लिए प्रसिद्ध है।
- पर्यटन : इस छोटे से द्वीप पर एक पगदंडी है जो यहाँ के जीवों की बस्तियों से होकर गुजरती है।
14).बाल्ट्रा द्वीप
ये द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह का प्रवेश द्वार मन जाता है, क्योंकि यहाँ एक मुख्य हवाई अड्डा स्थित है। ये द्वीप साऊथ सीमोर के नाम से भी जाना जाता है।
- भौगोलिक स्थिति : ये गैलापागोस द्वीपसमूह के केंद्र में स्थित है और सांता क्रूज़ द्वीप से इटाबाका चैनल से अलग होता है।
- भूविज्ञान : यह एक शुष्क, उबड़-खाबड़ क्षेत्र है और इसमें खारे पानी की झाँड़िया, कैक्टस और पैलो सेंटो जैसे पेड़ है।
- वन्यजीव : यहाँ पर स्थलीय इगुआना देखे जा सकते है।
- पर्यटन : यहाँ द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त अमेरिकी सेना द्वारा उपयोग किए गए हवाई अड्डे के रूप में बाल्ट्रा द्वीप का इतिहास है और अब यह पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
15).बार्टोलोम द्वीप
यह गैलापागोस द्वीपसमूह का एक छोटा और निर्जन द्वीप है। यह द्वीप चार्ल्स डार्विन के जहाज ‘एचएमएस बीगल’ के लेफ्टिनेंट, सर बर्थोलोम्यू जेम्स सुलिवन के नाम पर रखा गया है।
- भौगोलिक स्थिति : यह द्वीप सैंटियागो द्वीप के पास है और निर्जन द्वीप है, यानी यहाँ मानव बस्तियाँ नहीं है।
- भूविज्ञान : ये द्वीप एक ज्वालामुखी द्वीप है।
- वन्यजीव : यहाँ गैलापागोस पेंगुइन, बगुले और गैलापागोस हॉक्स जैसे पक्षी देखे जा सकते है।
- पर्यटन : यह पर पर्यटन के लिए सांता क्रूज़ से एक दिन का टूर बुक करके बार्टोलोम द्वीप जा सकते है। इसके आलावा या पर की द्वीपों का क्रूज़ लेते समय भी बार्टोलोम द्वीप पर रुक सकते है।
16).डार्विन द्वीप
इस छोटे से द्वीप का नाम महान प्रकृतिवादी ‘चार्ल्स डार्विन’ के नाम पर रखा गया है। इस द्वीप की पहली स्थलीय यात्रा 1964 में एक हेलीकॉप्टर की सहायता से हुई थी।
- भौगोलिक स्थिति : ये द्वीप गैलापागोस द्वीपसमूह के सबसे उत्तरी द्वीप है। यह द्वीप इसाबेल द्वीप से लगभग 160 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
- भूविज्ञान : इस द्वीप के असाधारण पानी के निचे का जीवन एक महत्पूर्ण कारण है की गैलापागोस को दुनिया के सात पानी के नीचे के आश्चर्यो में से एक मन जाता है।
- वन्यजीव : डार्विन द्वीप पर केवल समुद्री पक्षी ही रहते है। यहाँ हैमरहेड शार्क के बड़े समूह देखना बहुत ही अद्भुत होता है।
- पर्यटन : इस छोटे से द्वीप पर कोई स्थलीय पर्यटन स्थल नहीं है।
17).प्लाजा द्वीप
ये बहोत ही छोटा द्वीप है, लेकिन अपने छोटे आकार के बावजूद, यह द्वीप अपनी विविध प्रकारकी वनस्पतियों के लिए जाना जाता है।
- भौगोलिक स्थिति : प्लाजा द्वीप, सांता क्रूज़ द्वीप के पूर्व में स्थित है एक छोटा सा द्वीप है।
- भूविज्ञान : यह द्वीप समुद्र तल से ऊपर बना है, जिससे ऊपरी किनारे से सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
- वन्यजीव : यहाँ पर थल इगुआनाओं की और समुद्री इगुआनाओं की भरमार है। इसके अलावा स्वैलो-टेल्ड, ओडुबोन शीयरवाटर, नीले पैर वाले बूबी और फ्रिगेट जैसे पक्षी भी देख सकते है।
- पर्यटन : ये द्वीप पक्षी-दर्शन और अद्भुत वनस्पतियों के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। द्वीप के चारों और पगदंडियाँ है।
18).रबीदा द्वीप
इस द्वीप को ‘जर्विस द्वीप’ के नाम से भी जाना जाता है।
- भौगोलिक स्थिति : ये द्वीप इक्वडोर के पास पूर्वी प्रशांत महासागर में स्थित है।
- भूविज्ञान : यह ज्वालामुखीय लाल समुद्री तट वाला द्वीप है। लाल रंग की रेत लौह ऑक्साइड के उच्च घनत्व के कारण है।
- वन्यजीव : यहाँ पर समुद्री शेर, पेलिकन, नील पैरो वाली बूबी,नाज़्का बूबी और फ्लेमिंगो जैसे जीव पाए जाते है।
- पर्यटन : रबीदा द्वीप पर पर्यटक बहोत ही कम आते है, जिससे यहाँ बहोत शांति और एकांत का अनुभव होता है।
19).वुल्फ द्वीप
ये गैलापागोस द्वीपसमूह का एक छोटा सा और निर्जन ज्वालामुखी द्वीप है। इस द्वीप का नाम जर्मन भूविज्ञानी ‘थियोडोर वुल्फ’ के नाम पर रखा गया है।
- भौगोलिक स्थिति : ये उत्तरी गैलापागोस द्वीपसमूह में, डार्विन द्वीप से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
- भूविज्ञान : ये द्वीप एक विलुप्त समुद्री ज्वालामुखी का अवशेष है।
- वन्यजीव : यह पर हैमर शार्क, व्हेल शार्क और अन्य समुद्री जीव देखने को मिलते है। यहाँ पर प्रख्यात ‘वैम्पायर फिंच’ भी देख सकते है।
- पर्यटन : ये द्वीप गैलापागोस राष्ट्रीय उद्यान द्वारा संरक्षित है और पर्यटन के लिए बंध है। लेकिन ये गोताखोरी के लिए लोकप्रिय स्थल है।
संरक्षण चुनौतियाँ
- आक्रामक प्रजातियाँ : गैलापागोस द्वीपसमूह पर मजबूत सुरक्षा उपाय करने के बावजूद यहाँ के देशी पौधें, प्राणी और स्थलीय पक्षी के विलुप्त होने का जोखिम है। यहाँ पर रह रही जंगली बिल्लियाँ और चूहे जैसी आक्रामक प्रजातियाँ देशी पौधों और प्राणीओ को नष्ट कर रही है। इसी कारण द्वीपसमूह के लगभग 50% स्थलीय पक्षी विलुप्त होन के खतरे में है।
- ज़्यादा मछली पकड़ना : गैलापागोस द्वीपसमूह का जल क्षेत्र राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय, दोनों ही प्रकार के जहाजों द्वारा अवैध मछली पकड़ने से प्रभावित है, इसी कारण स्थानीय मछलियां और शार्क जैसी प्रवासी समुद्री प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है।
- प्रदूषण : इस द्वीपसमूह पर आने वाले पर्यटकों की संख्या बहोत ज़्यादा है, जिससे प्रदूषण एक बड़ी समस्या है।
- जलवायु परिवर्तन : जलवायु परिवर्तन के कारण विवध प्रकार के तूफानों के बढ़ने की संभावना है, जो गैलापागोस द्वीपसमूह के वन्यजीवों के लिए विनाश का कारण बन सकता है। इस द्वीपसमूह की स्वस्थ रहे इसकी अब सावधानी रखनी होगी।
पर्यटक स्थल
- सांता क्रूज़ (इंडीफैटिगेबल) द्वीप पर स्थित ‘चार्ल्स डार्विन अनुसंधान केंद्र’, जो की वैज्ञानिक अध्ययनों को बढ़ावा देता है और गैलापागोस की स्थानीय वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करता है। पर्यटकों को इसकी मुलाक़ात अवश्य करनी चाहिए।

विशालकाय कछुआ प्रजनन केंद्र, सांता क्रूज़ द्वीप, गैलापागोस
चार्ल्स डार्विन अनुसंधान (सीडीआरएस) केंद्र, सांता क्रूज़ द्वीप, गैलापागोस
चार्ल्स डार्विन अनुसंधान (सीडीआरएस) केंद्र की स्थापना सन 1964 में, गैलापागोस द्वीपसमूह के प्रमुख द्वीपों में से एक, सांता क्रूज़ द्वीप की गई थी।


गैलापागोस द्वीपसमूह के 15 प्रतिष्ठित जीव
- गैलापागोस विशाल कछुआ :
- अमेरिकी फ्लेमिंगो :
- उड़ने में असमर्थ जलकाग :
- नील पैरों वाली बूबी :
- फ्रिगेटबर्ड : महान और शानदार :
- वेव्ड अल्बास्ट्रॉस :
- लाल पैरों वाली बूबी :

- नाज़्का बूबी :
- गैलापागोस पेंगुइन :
- गैलापागोस हॉक :
- गैलापागोस समुद्री शेर :
- गैलापागोस फर सील :
- गैलापागोस स्थलीय इगुआना :
- समुद्री इगुआना :
- सांता फ़े भूमि इगुआना :
चार्ल्स डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत
करोड़ों सालों से अस्तित्व में रहे गालापागोस द्वीप समूह के 19 द्वीप डार्विन के सिद्धांत के बाद चर्चा में आए और शोधकर्ता वहाँ अध्ययन के लिए आने लगे।
गैलापागोस द्वीप समूह विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए है, क्योंकि प्रत्येक द्वीप पर पाए जाने वाले जीव स्थानीय पर्यावरण के लिए अद्वितीय हैं। उँची घास वाले द्वीपों पर रहने वाले कछुओं (या अन्य जीवों) की चोंच लंबी होती हैं, जबकि कुछ की चोंच बहुत छोटी होती हे, क्योंकि उन्हें नीचे भोजन मिलता था। लाखों वर्षों से अलग-अलग द्वीपों पर रहने के कारण, प्रत्येक द्वीप के कछुए जैविक रूप से दूसरे द्वीप के कछुओं से भिन्न थे।
प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन ने 1831-36 की अपनी यात्रा के दौरान गालापागोस द्वीप समूह के जीवों का अध्ययन किया था। किसी विशेष वातावरण में जीवित रहने वाले जीवों को अपने शरीर, आदतों और जीवनशैली को स्थानीय वातावरण के अनुसार ढालना पड़ता है। चार्ल्स डार्विन ने गालापागोस की अपनी यात्रा के दौरान विकासवाद के रूप में ज्ञात प्रकृति के इस चमत्कार को समझा और फिर डार्विन ने 1859 में अपनी पुस्तक ‘ऑन द ओरिजिन ऑफ़ स्पीसिस’ में विकासवाद के सिद्धांत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। यह विज्ञान के इतिहास की एक सर्वविदित घटना है।
डार्विन के सिद्धांत के लागू होने के बाद, गालापागोस द्वीप समूह अपने ‘फिंच (एक प्रकार की चिड़िया)’ नाम के पक्षी और विशाल भूमि कछुओं (कछुए, समुद्री कछुए नहीं) के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हो गए। इस सिद्धांत को समझाने के लिए डार्विन ने उदाहरणों के माध्यम से बताया की प्रत्येक द्वीप पर पाए जाने वाले फिंच की चाचें द्वीप की आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न होती हैं। जिन द्वीप पर पक्षियों को पेड़ों से भोजन प्राप्त करना पड़ता था, वहाँ उनकी चाचें लंबी थी, जबकि जिन द्वीपों पर पक्षियों को फलों से भोजन प्राप्त करना पड़ता था, वहाँ उनकी चाचें छोटी लेकिन मजबूत थी।
गैलापागोस में कछुओं की कुल 15 प्रजातियाँ पाई गई है, जिनमें से 12 आज भी पाई जाती है। इस द्वीप समूह में कभी 2 लाख से ज़्यादा कछुए थे, लेकिन अब भोजन और तेल के लिए उनका अंधाधुंध शिकार किया जा रहा है। अब शिकार तो बंद हो गया है, लेकिन आज कछुए, इस द्वीप समूह के केवल 6 द्वीपों पर ही पाए जाते है। 1959 में ‘गालापागोस राष्ट्रीय उद्यान’ की स्थापना के बाद, इकवाडोर सरकार ने यहाँ पर्यटन का विकास किया है। अपने विकासवादी इतिहास के कारण, यह द्वीप समूह साहसिक यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसलिए, दुनियाभर से पर्यटक यहाँ आते रहते है। दूसरी और, शोधकर्ता भी सक्रिय है। निरंतर प्रयासों के कारण इन सभी प्रकार के कछुओं की आबादी बढ़कर 7000 हो गई है।
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