मज़ेदार चुटकुले हमारी रोज़ की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, कम समय में हमारा तनाव दूर करने में बहुत काम आते है।
(1). घड़ी
एक शिक्षक महोदय बहुत भुलक्क्ड़ थे। अपनी घड़ी सदा बाईं जेब में रखते थे।
एक बार भूल से दाईं जेब में घड़ी रख ली और जब समय देखने के लिए बाईं जेब में हाथ डाला तो घड़ी गायब।
उन्होंने एक विद्यार्थी से कहा : ‘जाओ, घर से मेरी घड़ी ले आओ।’
फिर दाईं जेब में हाथ डालकर घड़ी निकाली और कहने लगे, अभी 10-20 हुए हैं, 10-40 तक लौट आना।
(2). लॉक
रमेश मोबाइल बेचने वाले से झगड़ा कर रहा था।
लोगों ने पूछा क्या हुआ?
रमेश : जब मैंने मोबाइल खरीदा तो इसने बोला था कि मोबाइल में लॉक भी है। अब यह ताला चाबी देने से मना कर रहा है।
(3). दो मुर्ख
दो मित्र नक्सली इलाके से गुजरे। उन्हें वहां चार बम पड़े हुए मिले।
पहले मित्र ने कहा – ‘चल यार, इन्हें पुलिस स्टेशन में जमा करा देते हैं।’
दूसरे ने कहा – ‘यदि पुलिस स्टेशन ले जाते समय एकाध फट गया तो?’
पहला मित्र बोला – ‘तो क्या हुआ, कह देंगे कि तीन ही मिले थे।’
(4). किशनलाल और रामलाल
किशनलाल ने अपने मित्र रामलाल से कहा – ‘अगर तुम्हें सर्दी लगती है तो तुम क्या करते हो?’
रामलाल ने कहा – ‘मैं हीटर के आगे बैठ जाता हूं।
किशनलाल ने फिर पूछा – ‘यदि उसके बाद भी ठंड दूर नहीं होती तो तुम क्या करते हो?’
रामलाल ने कहा – ‘फिर मैं हीटर चालू कर लेता हूं।’
(5). दार्शनिक महोदय
दार्शनिक महोदय खरीदारी के लिए गए। घर लौटने पर पता चला कि अपनी छतरी किसी दुकान पर भूल आए हैं। उलटे पैर वे बाज़ार गए। एक-एक करके छह दुकानों में गए, लेकिन छतरी कहीं नहीं मिली।
आखिर सातवीं दुकान पर छतरी मिल गई। वह बेहद खुश हुए और दुकानदार को धन्यवाद देते हुए बोले – ‘इस बाज़ार में आप ही अकेले ईमानदार दुकानदार हैं। अब देखिए ना, मैं छह दुकानों में गया, सभी ने कहा कि छतरी हमारे यहां नहीं है।’
(6). सलाह
नाटककार : मेरे नाटक के बारे में आपका क्या खयाल है?
आलोचक : मैं एक सलाह देना चाहता हूं।
नाटककार : वो क्या?
आलोचक : नाटक के अंत में विलेन को पिस्तौल से शूट करने की बजाय जहर देकर मारा जाए। फायर की आवाज से दर्शकों की आंख खुल सकती है।
(7). मुर्ख नौकर
एक आदमी ने बड़ी कोशिशों के बाद ब्लैक मार्केट से घी के दस कनस्तर खरीदे और अपने नौकर को अकेले में ले जाकर कहा, -‘ किसी को कानो-कान खबर न हो, बगीचे में एक गड्ढा खोदकर उसमें यह घी छिपा दो।’
थोड़ी देर बाद नौकर वापस आया और बोला – ‘साहब, आपने कहा था सो गड्ढा खोदकर घी तो छिपा दिया, अब इन खाली डिब्बों का क्या करुं?’
(8). बंटू की टिप
बंटू होटल में गया…खाने का आर्डर किया…खाने के बाद बिल भरा…
फिर अचानक वेटर के पास गया और कहने लगा – ‘ककड़ी के दो टुकड़े रोज़ आंखों में लगाया करो,
रात को मेथी पानी में भिगोकर सुबह छानकर पिया करो।’
वेटर ने हैरान होकर पूछा कि यह सब आप मुझे क्यों बता रहे हैं?
बंटू ने कहा – ‘मुझे किसी ने कहा था कि पेमेंट देने के बाद वेटर को कुछ न कुछ टिप ज़रुर देना।’
(9). चार जुआरी
चार व्यक्तियों को अदालत में पेश किया गया। आरोप था कि वे पार्क में बैठे जुआ खेल रहे थे। मजिस्ट्रेट ने बारी-बारी से उनसे पूछा।
पहले ने कहा, ‘मैं उस दिन यहां था ही नहीं। सबूत के तौर पर पर मैं अपने ट्रेवल एजेंट से रेल-टिकट की रसीद लेकर दे सकता हूं।’
दूसरा बोलै, ‘उस दिन मैं घर पर बुखार में पड़ा था। डॉक्टर का सर्टिफिकेट पेश कर सकता हूं।’
तीसरे का जवाब था, ‘मैंने आज तक कभी जुआ नहीं खेला और न ही ताश को हाथ लगाया।’
चौथा चुपचाप खड़ा रहा। उससे पूछा, ‘और तुम जुआ नहीं खेल रहे थे?’ वह बोला, ‘साहब, अकेले जुआ कौन खेलता है?’
(10). टिकट
एक वजनी औरत ने सिनेमा हॉल के गेटकीपर को दो टिकट थमाए। गेटकीपर ने दोनों टिकटों को आधा करते हुए पूछा – ‘आपके साथ और कौन है?’
वह मुस्कुराते हुए बोली – ‘दरअसल, दूसरा भी मेरा ही टिकट है। एक सीट पर ठीक से बैठा नहीं जाता, इसलिए दो सीटें लेती हूं, ताकि पैर फैलाकर आराम से बैठ सकूं।’
लेकिन मैडम, गेटकीपर ने कहा – ‘आपकी एक सीट का नंबर आठ है और दूसरी सीट का नंबर सोलह है।’
(11). मुर्ख पंडित
किशनलाल की पत्नी गांव के सबसे बड़े पंडित के पास गई, क्योंकि पांच दिन पहले किशनलाल बाज़ार गए थे आलू खरीदने और लौटे नहीं। इंतजार की भी हद होती है। अब कहां ढूंढ़ा जाए?
पड़ोसियों-रिश्तेदारों ने कहा कि पंडितजी के पास जाओ, ज्योतिषी भी हैं और शास्त्रों का भी उन्हें अच्छा ज्ञान है, जरुर कोई न कोई रास्ता बताएंगे।
पत्नी ने जाकर पंडितजी को कहा कि मेरे पतिदेव किशनलाल पांच दिन पहले आलू खरीदने गए थे, अब तक लौटे नहीं हैं, अब आप ही बताइए मैं क्या करुं?’
पंडितजी ने बहुत सोच-विचार किया। उन्होंने आंखें बंद कीं, कुछ मंत्र वगैरह भी पढ़े। फिर बोले कि, ‘बहनजी, अब जो हुआ सो हुआ ! पांच दिन हो गए और आलू नहीं आए, तो अब एक ही रास्ता है, घर में जो भी हो, दाल आदि बना लो !’
(12). युद्ध कैसे शुरु होता हैं…?
बेटा : पिता जी, युद्ध कैसे शुरु होता हैं…?
पिता जी : मान लो, अमेरिका और इंग्लैंड में किसी बात पर मतभेद हो गया…
माँ : लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में मतभेद हो ही नहीं सकता !
पिता जी : अरे भई, मैं तो सिर्फ उदाहरण दे रहा था…
माँ : मगर तुम गलत उदहारण देकर बच्चे को बहका रहे हो !
पिता जी : मैं नहीं बहका रहा हूं !
माँ : ये बहकाना नहीं तो और क्या है?
पिता जी : चुप रहो… ! एक बार कह दिया न कि मैं नहीं बहका रहा हूं !
माँ : मैं क्यूं चुप रहूं ! ये मेरे बच्चों की पढ़ाई का सवाल है !
बच्चा : प्लीज ! आप लोग झगड़ा मत करिए, मैं समझ गया कि युद्ध कैसे शुरु होता हैं।
(13). नौकर
एक आदमी ने अपने घर एक नौकर रखा। दो-चार दिन उसका काम देखकर वह आदमी परेशान हो गया और उसने उस नौकर को कहा, ” यह नौकरी चलेगी नहीं। अजीब आदमी हो, तीन नींबू बाज़ार से खरीदने होते हैं तो तुम तीन बार बाजार जाते हो। तीन नींबू एक ही बार में खरीदे जा सकते हैं। क्या बात हे? एक नींबू खरीदने गए, फिर दूसरा नींबू खरीदने गए। तीन नींबू लाने के लिए तीन बार बाज़ार जाना? यह नौकरी चल नहीं सकती। या तो अपने में सुधार कर लो या कल से नौकरी को समाप्त समझो।”
नौकर ने कहा, “मेरे मालिक मैंने सुधार कर लिया और ऐसी भूल दुबारा नहीं होगी।
आठ दिन बाद उसका मालिक बीमार पड़ गया। उसने कहा, डॉक्टर को बुला लाओ। वह डॉक्टर को बुलाकर लाया, साथ में एक भीड़ और बुला लाया, न मालूम कितने लोगों को बुला लाया।
उसके मालिक ने पूछा, ” आ गए? उसने कहा, मैं डॉक्टर को बुला लाया।
मलिका ने कहा, ” वे बाकी लोग और कौन हैं?
उसने कहा. ” डॉक्टर कहेगा कि दवा चाहिए, तो मैं दवा वाले को भी बुला लाया हूं। और हो सकता है दवा काम न करे तो मैं कब्र खोदने वाले लोगों को भी बुला लाया हूं, क्योंकि आपने ही कहा था कि तीन नींबू खरीदने के लिए, तीन बार बाज़ार जाना जरुरी नहीं है।
(14). गरीब परिवार पर निबंध
एक अमीर लड़की को स्कूल में गरीब परिवार पर निबंध लिखने को कहा गया।
उसने कुछ ऐसा लिखा…….
निबंध :
एक गरीब परिवार था। पिता गरीब, माँ गरीब, बच्चे गरीब।
परिवार में चार नौकर थे, वे भी गरीब।
कार भी टूटी हुई मर्सिडीज थी।
उनका गरीब ड्राइवर बच्चों को टूटी हुई कार में स्कूल छोड़कर आता था।
बच्चों के पास पुराने एन95 मोबाइल थे।
बच्चे सप्ताह में सिर्फ तीन बार ही होटल में खाना खाते थे।
घर में केवल तीन सेकेंड हैंड एसी थे।
सारा परिवार बड़ी मुश्किल से ऐश कर रहा था।
(15). जंगल कितना सुंदर है
एक गधे ने सिगरेट सुलगाई और सुट्टा लगाने ही वाला था, कि वहां एक चूहा आया और बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” गधा चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ दूरी पर एक हाथी कोकीन पी रहा था। उसे देखकर भी चूहा बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” हाथी चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ आगे एक भालू अफीम खा रहा था। उसे देखकर भी चूहा बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” भालू भी चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ आगे चलने पर शेर शराब का पैग तैयार करता हुआ मिला। उसे देखकर भी चूहा बोलै – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।”
शेर ने गिलास एकतरफ रखा और चूहे को 5 -10 थप्पड़ मार दिए और उसके साथ आए प्राणियों के झुण्ड की और देखकर बोला – “कमबख्त यह चूहा कल भी मेरे पास भांग चढ़ाकर आया था और मुझे तीन घंटे तक जंगल घुमाता रहा, मेरी थकान अभी तक नहीं उतरी है।
(16). कंडक्टर और साहब
एक साहब सुबह ऑफिस जाने के लिए बस में सवार हुए तो कंडक्टर ने सवाल किया – ‘रात को ठीक-ठीक घर पहुंच गए थे !’
‘क्यों?’ उसने हैरानी से पूछा – ‘मुझे क्या हुआ था रात को?’
कंडक्टर ने जवाब दिया – ‘आप शराब पीकर टुन्न थे !’
‘तुम्हें कैसे पता चला? मैंने तो तुमसे बात तक नहीं की थी !’
‘आप जब बस में बैठे हुए थे तो एक मैडम बस में चढ़ी थीं, जिन्हें आपने उठकर अपनी सीट ऑफर की थी !’
‘तो?’
‘तब बस में आप दो ही पैसेंजर थे साहब !’
(17). लोन
एक व्यक्ति बैंक में लोन लेने के लिए गया। 30,000 रुपये के लोन के लिए बैंक ने उससे कुछ बतौर सिक्योरिटी जमा कराने के लिए कहा। व्यक्ति ने अपनी सात सीरीज बीएमडब्ल्यू गाड़ी के सारे कागजात और चाबी बैंक को सौंप दिए। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद बैंक ने उसे 30,000 रुपये का लोन दे दिया।
बैंक वाले मन ही मन हंस रहे थे कि ज़रा से अमाउंट के बदले वह मुर्ख व्यक्ति इतनी महंगी गाड़ी छोड़कर जा रहा है। गाड़ी को बैंक के गैराज में पार्क कर दिया गया।
दो महीने बाद वह व्यक्ति वापस आया। 30,000 रुपये और ब्याज जो कि 600 रुपए था, चुकाने के बाद उसने अपनी गाड़ी वापस ले जाने की मांग की।
मैनेजर ने उसे चाबी देते हुए पूछा – ‘सर, मुझे आपके साथ ट्रांसेक्शन करते हुए बड़ी ख़ुशी हुई। पर एक बात समझ में नहीं आई कि आप इतने पैसे वाले हैं फिर आपको 30,000 रुपये के लोन की आवश्यकता क्यूं पड़ गई?’
व्यक्ति ने कहा – ‘मुझे भी आपके साथ ट्रांसेक्शन करके खुशी हुई। आप ही बताइए, पूरी मुंबई में ऐसी कौनसी जगह है, जहां मैं अपनी गाड़ी दो महीने के लिए पार्क कर दूं और वो मुझे वापस उसी हालात में मिले और वह भी सिर्फ 600 रुपए में।
(18). झाडू
हमारी पड़ोसन कौशल्या देवी ने अपने इकलौते बेटे की शादी बड़े धामधूम से की। बहू ने तीसरे दिन ही सुबह झाडू उठाई और आंगन साफ़ करने लगी। यह देखकर कौशल्या देवी बहू के हाथ से झाडू छीनते हुए बोली – ‘अरे बहू! अभी तो तुम्हारे हाथ की मेहंदी भी नहीं छूटी, लाओ झाडू मैं लगा दूंगी।’
बहू ने सास को झाडू दे दी। धीरे-धीरे पंद्रह दिन बीत गए, बहू ने झाडू लगाने का नाम ही नहीं लिया। माँ ने बेटे को स्थिति बताई तो बेटा बोला – ‘माँ, कल उठते ही मैं जोर-जोर से कहूंगा कि झाडू मैं लगाऊंगा और तुम झाडू छीनते हुए कहना कि झाडू मैं लगाउंगी। शोर सुनकर बहू शर्म से अपने आप झाडू लगाना शुरु कर देगी और बात बन जाएगी।’
दूसरे दिन माँ-बेटे की नोक-झोंक सुनकर बहू उठकर आई और बोली – ‘क्या बात है?’
माँ ने जब कहा कि यह जिद कर रहा है कि मैं झाडू लगाऊंगा और मैं कह रही हूं कि मैं ही झाडू लगा लूंगी, इसी बात पर बहस हो रही है।
बहू ने तपाक से फैसला सुना दिया कि पंद्रह दिन आप झाडू लगा लें और पंद्रह दिन ये लगा लेंगे। इसमें बहस करने की क्या जरुरत है। यह कहकर बहू सीधे अपने कमरे में चली गई और माँ-बेटे एक दूसरे का मुंह ताकते रह गए।
(19). विद्यार्थियों का प्लेन
इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी प्रोफ़ेसरों को एक प्लेन में बिठाया गया। जब सभी बैठ गए तो पायलट ने घोषणा की – ‘आपको यह जानकर खुशी होगी कि जिस प्लेन में आप बैठे हैं, उसे आप ही के कॉलेज के विद्यार्थियों ने बनाया है।’
इतना सुनते ही सभी प्रोफ़ेसर फौरन नीचे उतर गए। केवल प्रिंसिपल साहब बैठे रहे। उनसे पूछा गया – ‘सर आप क्यों नहीं उतरे?’
प्रिंसिपल साहब बोले – ‘मुझे अपने विद्यार्थियों पर पूरा भरोसा है…देख लेना, यह प्लेन स्टार्ट ही नहीं होगा…!!!’
(20). इंटरव्यू
एक बार रमेश नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया। इंटरव्यू लेने के लिए एक लेडी बैठी थी।
लेडी : ‘क्या आप शराब पीते हो?’
रमेश : ‘हा।’
लेडी : ‘कितनी?’
रमेश : ‘करीब 6 पैग रोज के।’
लेडी : ओह! 6 पैग कितने के होते हैं?’
रमेश : ‘करीब 1000 रुपए के।’
लेडी : ‘कब से पी रहे हो?’
रमेश : ‘करीब 14 साल से।’
लेडी : ‘ओह! इसका मतलब आप रोज 1000 रुपए के हिसाब से महीने के 30,000 रुपए शराब में उड़ाते हो, मतलब साल के 3,60,000 रुपए। इस हिसाब से तुमने पिछले 14 साल में शराब पर 50 लाख रुपए उड़ा दिए। क्या तुम जानते हो 50 लाख रुपए में तुम एक बीएमडब्ल्यू खरीद सकते थे?’
रमेश : ‘क्या आप भी पीती हैं?’
लेडी : ‘नहीं, मैंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया।’
रमेश : ‘चल फिर दिखा तेरी बीएमडब्ल्यू कहां है?’
इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article के चुटकुलों से आपको ख़ुशी हुई होगी। अगर आपको ये Article के चुटकुले पढ़कर मझा आया हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह चुटकुले जरूर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !








