आइंस्टीन का अद्भूत जवाब Amazing answer of Einstein

आइंस्टीन का अद्भूत जवाब amazing answer of einstein

लोग ‘अल्बर्ट आइंस्टीन’ को न सिर्फ़ उनके बिखरे बालों और अद्भूत दिमाग़ के लिए, बल्कि उनके अनोखे पढ़ाने के अंदाज़ के लिए भी याद करते हैं।

एक साल, जब आइंस्टीन प्रोफ़ेसर थे, उन्होंने अपने सीनियर छात्रों को एक आखिरी परीक्षा दी। पेपर बाँटने के बाद, वे अपने सहायक के साथ कमरे से बाहर चले गए।

सहायक के हाथ में परीक्षा की एक अतिरिक्त कॉपी थी। उसने उसे जल्दी से पढ़ा और अचानक स्तब्ध रह गया।

“प्रोफ़ेसर,” उसने घबराते हुए कहा, “जरुर कोई गलती होगी. . . यह बिल्कुल वही परीक्षा है, जो आपने पिछले साल दी थी! सवाल एक जैसे हैं!”

उसे चिंता थी कि छात्र ठगा हुआ महसूस करेंगे। अगर परीक्षा वही होती, तो वे पुराने जवाबों का ही उपयोग कर सकते थे।

आइंस्टीन ने पेपर पर नज़र डाली, शांति से मुस्कुराए और जवाब दिया : “हाँ, आप सही कह रहे हैं। ये पिछले साल वाले ही सवाल हैं।”

अब सहायक सचमुच उलझन में पड़ गया।

“तो . . . अगर सवाल वहीं हैं, तो इस परीक्षा को दोबारा देने का क्या अर्थ है? छात्र तो पिछले साल के जवाब ही याद कर लेंगे।”

आइंस्टीन चलते-चलते रुक गए, उसकी तरफ देखा और धीरे से बोले : “सवाल वही हैं. . . लेकिन जवाब बदल गए हैं।”

इस प्रसंग से सीखें

1. दुनिया हमारी सोच से कहीं ज़्यादा तेज़ी से बदलती है।

जो समाधान पिछले साल उपयोगी या कारगर रहा, वह आज व्यर्थ (अनुपयोगी) हो सकता है। तकनीक, बाज़ार और यहाँ तक कि, मानवीय व्यवहार भी विकसित होते रहते हैं।

  • “मैं कैसे सफल होऊं?” या “मैं कैसे अच्छा जीवन जीऊं?” जैसे सवाल सुनने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन 1990 और 2025 में सही जवाब एक जैसे नहीं होंगे।

2. जवाब रटें नहीं, सोचना सीखें

अगर आप सिर्फ़ पुराने फॉर्मूले और पुराने तरीके ही सीखते रहेंगे, तो जब समय बदलेगा, तो आप खो जाएँगे।

  • असली शिक्षा जवाबों को एकत्रित करने के बारे में नहीं है, बल्कि अपने दिमाग़ को बेहतर सवाल पूछने और उसके हिसाब से ढलने के लिए प्रशिक्षित करने के बारे में है।

3. ज़िंदगी वही सवाल दोहराएगी, लेकिन ‘आपको’ जवाबों को अपडेट करना होगा।

“मुझे किस पर भरोसा करना चाहिए?”

“मुझे कौन सा रास्ता चुनना चाहिए?”

ये सवाल ज़िंदगी के अलग-अलग पड़ावों पर बार-बार आते हैं।

  • यदि आप हमेशा नई परिस्थितियों के लिए अपनी पुरानी मानसिकता का उपयोग करते हैं, तो आप अटके हुए महसूस करेंगे।

4. बुद्धिमान लोगों को भी खुद को अपडेट करना चाहिए।

आइंस्टीन का द्रष्टिकोण हमें याद दिलाता है : कोई भी उत्तर अंतिम नहीं होता।

आज आप जो मानते हैं, कल उसकी जगह कोई और समझदारी भरा विचार ले सकता है।

  • जिज्ञासु बने रहें, धैर्यवान बने रहे, अनुकूलनशील बने रहें और यह कहने के लिए तैयार रहे : “मैं बड़ा हो गया हूँ। अब मेरे जवाब अलग हैं।”

कभी-कभी, ज़िंदगी आपसे वही पुराने सवाल पूछती है।

लेकिन, अगर आप बड़े हो गए हैं, तो आपके जवाब एक जैसे नहीं होने चाहिए।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQ on google

1. अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म कब हुआ था ?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 में हुआ था।

2. अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी में वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ था।

3. अल्बर्ट आइंस्टीन का ‘आई-क्यू (IQ)’ कितना था?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन का ‘आई-क्यू (IQ) 160’ था।

4. अल्बर्ट आइंस्टीन का आवास कौन-कौन से देश में रहा?

उत्तर : वे जर्मनी, इटली, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया (वर्तमान चेक गणराज्य), बेल्जियम और संयुक्त राज्यों में रहे।

5. अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी का ‘नोबेल पुरस्कार’ किस साल मिला?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी का ‘नोबेल पुरस्कार’ सन 1921 में मिला।

6. अल्बर्ट आइंस्टीन किस कारण प्रसिद्धि थे?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन ‘सापेक्षता’ और ‘विशिष्ट आपेक्षिकता’ के कारण प्रसिद्ध थे।

7. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कितने वैज्ञानिक शोध-पत्रों का प्रकाशन किया?

उत्तर : अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध-पत्रों का प्रकाशन किया।

इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article में विश्व के सबसे महान वैज्ञानिक “Genius” अल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन की जो बात की गई है, वह आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। अगर आपको ये Article से प्रेरणा मिली हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह जानकारी जरुर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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