हमारे जीवन में हमें प्रकृति से बहोत सी सीख मिलती ही। जैसे कि हजारों सालों से खड़े ‘पेड़’, हमें संघर्ष के समय, धैर्य बनाए रखने की और हमेशा दूसरों का भला करने की सीख देते है।
“जिस प्रकार
पतझड़
के बाद पेड़ो पर नए पत्ते आते है,
उसी प्रकार जीवन में संघर्ष और
कठिनाइयों
के बाद ही अच्छे दिनों का आगमन होता है,
बस हमें धैर्य बनाए रखना होगा।”
पुराने पेड़ की गहरी सलाह
मैं एक विशाल पेड़ के रुप में जन्मा नहीं था। मैं कभी बस एक छोटा सा बीज था, जो सूखी, फटी हुई मिट्टी के एक टुकड़े पर पड़ा रहा था, जिसकी किसी को परवाह नहीं थी।
अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में, मैं ज़्यादा उँचा नहीं हुआ। मेरे पास कोई सुंदर छतरी नहीं थी, कोई ठंडी छाया नहीं थी, जिसके नीचे कोई आराम कर सके। कोई भी मेरी जड़ों को देखकर आश्चर्य चकित नहीं होता था।
लेकिन कई सालों तक, मैं एक काम करता रहा : मैंने चुपचाप अपनी जड़ें ज़मीन में गहराई तक गाड़ दी।
मैं आपको, एक ऐसे पेड़ के अनुभव से कुछ बातें बताना चाहता हूँ, जो 2,000 सालों के तूफानों से बच निकला है :
जब आपकी जड़ें अभी भी उथली हों, तो उँचा बढ़ने की कोशिश न करें।
जब आपकी जड़ें अभी भी उथली हों, तो उँचा बढ़ने की कोशिश न करें। मैंने कई छोटे पेड़ों को बहुत तेज़ी से बढ़ते देखा है, कुछ ही बरसातो के बाद मेरे ऊपर उँचे हो जाते हैं। लेकिन, पहले ही तूफ़ानों ने उन्हें गिरा दिया। जो चीज़ आपको हवा में खड़ा रखती है, वह दूसरों से उँचा होना नहीं है, बल्कि जड़ें इतनी गहरी होना है कि आप उड़ या गिर न सकें।
अपने “मौन विकास” के दौर का सम्मान करें।
अपने “मौन विकास” के दौर का सम्मान करें। कई साल ऐसे भी थे, जब ऐसा लग रहा था, कि मैं बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ रहा हूँ। ऊपरी तौर पर तो कुछ नहीं बदला, लेकिन ज़मीन के नीचे मेरी जड़े धीरे-धीरे फैल रही थीं। आप भी ऐसे ही हैं – ऐसे दौर आते हैं, जब कोई आपकी प्रगति नहीं देख पाता, लेकिन उन्हीं पलों में, अगर आप मेहनत करते रहें, अभ्यास करते रहें, अपना अनुशासन बनाए रखें, तो आप उन जगहों पर बढ़ रहे हैं, जो दूसरे नहीं देख सकते।
चमकती हुई सफलता से ईर्ष्या मत करो।
चमकती हुई सफलता से ईर्ष्या मत करो। मैंने ऐसे पेड़ देखे हैं, जो एक ही मौसम में पत्तों से लदे हो गए, और सिर्फ़ एक साल में ही प्रभावशाली हो गए। लेकिन, उनकी उम्र मेरी ज़िंदगी का एक छोटा सा अंश मात्र थी। जो जल्दी आता है, अक्सर जल्दी ही चला जाता है। जो वर्षों तक धैर्य और सहनशीलता बनाए रखता है, मजबूती से टीका रहता है, वह सैकड़ों, यहाँ तक कि, हज़ारों सालों तक मज़बूती से खड़ा रह सकता है।
अकेलापन कोई अभिशाप नहीं है।
अकेलापन कोई अभिशाप नहीं है, यह आपकी जड़ों को गहराई तक पहुँचाने के लिए ज़मीन है। ऐसे भी मौसम थे, जब मैं ठंडी हवा में अकेला खड़ा था, मेरे बगल में कोई और पेड़ नहीं था। इंसान इसे अकेलापन कहते हैं। मैं इसे धरती में गहराई तक जड़ें जमाने का समय कहता हूँ, ताकि बाद में, जब तूफ़ान आए, तब भी मैं गिर न जाऊं।
अगर आप मज़बूत जड़ें नहीं उगाना चाहते तो …
अगर आप मज़बूत जड़ें नहीं उगाना चाहते, तो मीठे फल की माँग मत करो। हर कोई फल पसंद करता है, लेकिन जड़ों के साथ धैर्य रखने वाले कम ही लोग होते हैं। हर कोई परिणाम पसंद करता है, लेकिन प्रक्रिया के साथ बने रहने वाले कम ही लोग होते हैं। लेकिन, मैं इसका जीता जागता सबूत हूँ : मज़बूत जड़ों के बिना कुछ भी ज़्यादा समय तक नहीं टिकता।
अगर आप ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं, जहाँ कोई आपके लिए ताली नहीं बजाता, कोई आपको पहचानता नहीं, तो मेरे ये शब्द याद रखें :
“धीमे होने से मत डरो, रुकने से डरो।”
“चुप रहने से मत डरो, अंदर से खाली होने से डरो।”
“एक दिन, जब तुम्हारी जड़ें काफी गहरी होंगी, तुम्हारा अनुभव काफी समृद्ध होगा, तुम्हारी आंतरिक शक्ति काफी प्रबल होंगी – तुम स्वाभाविक रुप से अपने ही खेत में एक “प्राचीन वृक्ष ” बन जाओगे।”
इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article में “प्राचीन वृक्ष “ द्वारा जो ‘गहरी सलाह’ हमें दी गई है, वह हम सबको आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। अगर आपको ये Article से प्रेरणा मिली हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह जानकारी जरुर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

