मज़ेदार चुटकुले हमारी रोज़ की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, कम समय में हमारा तनाव दूर करने में बहुत काम आते है।
(1). लीकेज
बबलू बर्फ़ का टुकड़ा हाथ में लेकर ग़ौर से देख रहा था… किसी ने पूछा, ‘क्या कर रहे हो?’
बबलू ने कहा, ‘देख रहा हूं, यह लीक कहां से हो रहा है?’
(2). चिंटू
चिंटू सुबह-सुबह बस से जा रहा था। उसकी बगल वाली सीट पर एक महिला अपने बच्चे के साथ बैठी हुई थी। महिला के हाथ में टिफिन था, जिसमें हलवा रखा हुआ था।
वह बच्चे को हलवा खिलाने की कोशिश कर रही थी पर बच्चा खाना नहीं चाहता था, नखरे कर रहा था।
महिला बार-बार बच्चे से कह रही थी, ‘बेटा, जल्दी से हलवा खा लो, नहीं तो मैं इसे बगल में बैठे अंकल को दे दूंगी।’
बच्चे को शायद भूख नहीं थी, इसलिए वह टिफिन की तरफ देख भी नहीं रहा था।
महिला बार-बार वही बात दोहरा रही थी, ‘बेटा, जल्दी से हलवा खा लो, वरना मैं हलवा बगल में बैठे अंकल को दे दूंगी…’
जब काफी देर हो गई तो तो चिंटू बोला, ‘बहनजी, आपको जो फ़ैसला करना है, जल्दी कीजिए… आपके हलवे के चक्कर में मैं 4 स्टॉप आगे आ गया हूं!!!’
(3). लाइट खाना
रामलालजी बल्ब के सामने मुंह खोलकर खड़े थे। उनके पड़ोसी और मित्र श्यामलाल ने पूछा, ‘क्या बात है, तुम बल्ब के सामने मुंह खोलकर क्यों खड़े हो?
रामलालजी ने कहा, ‘क्या कहूं दोस्त, आज डॉक्टर ने लाइट खाने के लिए कहा है।
(4). बाहर खाना
पति अपनी पत्नी से, ‘आज बाहर खाना खाएंगे।’
पत्नी (ख़ुशी से), ‘ठीक है, मैं 2 मिनट में तैयार होती हूं…’
पति, ‘ठीक है, मैं बाहर चटाई बिछाता हूं… तुम खाना बनाकर ले आना।’
(5). एक्सल आता है?
बंटी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया।
इंटरव्यूअर : ‘तुम्हें एक्सल आता है?’
बंटी : ‘एक्स.एल. आ तो जाएगा सर, पर बहुत ढीला रहेगा!’
(6). किताबी सच
एक बुजुर्ग व्यक्ति को घर की रद्दी में ‘चेहरे से जानें आपका व्यक्तित्व’ नामक एक पुरानी किताब पढ़ने को मिल गई। लिखा था कि चपटी नाक वाला बड़ा कपटी, बड़े कान वाला धूर्त और लंबी दाढ़ी वाला मूर्ख होता है।
घबराकर उसने अपनी नाक टटोली, वह लंबी थी। दोनों कान संभाले, वे भी ठीक साइज के लगे, परंतु उसकी दाढ़ी बहुत लंबी थी। उसे अपनी लंबी दाढ़ी पर बड़ा गर्व था, परंतु किताब पढ़कर वह उलझन में पड़ गया। पुरानी किताब की लिखी बात कभी झूठ नहीं हो सकती। कहीं उसे लोग मूर्ख तो नहीं समझते हैं। अब वह क्या करे? कैसे दाढ़ी को छोटी करे। उसके पास कैंची भी नहीं थी।
कुछ सोचकर उसने एक मोमबत्ती जलाई और दाढ़ी के आगे का हिस्सा पकड़ कर उसे जलाने लगा। घास सी सूखी दाढ़ी ने तेजी से आग पकड़ ली। वह कुछ समझ-सोच पाता तब तक सारी दाढ़ी जल गई। जलती दाढ़ी से उड़ी चिंगारियों ने उसके बालों को भी पकड़ लिया। मिनटों में दाढ़ी के साथ सिर के बाल भी जल गए।
वह घबराकर चिल्लाया। पड़ौसी दौड़कर आए। उसका काला मुंह और उसके आसपास उड़ता धुआं देखकर पड़ौसी ने पूछा, ‘अरे! चाचा, ये क्या हुआ?’
अब बेचारा चाचा क्या कहता? धीरे से बोला, ‘इस किताब का लिखा सच हो गया कि लंबी दाढ़ी वाला मूर्ख होता है।’
(7). पागल राजनेता
एक राजनेता अस्पताल में लाया गया। बड़ा राजनेता था, बड़े डॉक्टरों ने परीक्षण किया। सब बहुत घबराए भी थे। डॉक्टरों ने कहा कि बड़ी देर हो गई। आपको पागल कुत्ते ने काटा है और अब इंजेक्शन असर भी करेगा कि नहीं, यह कहना मुश्किल है।
राजनेता ने कहा, जल्दी से कागज लाओ, कलम लाओ। डॉक्टर ने कागज-कलम दिए और राजनेता लिखने लगा। डॉक्टर ने पूछा कि क्या आप वसीयत लिख रहे हैं? आप घबराइए मत, इतनी जल्दी आप नहीं मरेंगे, क्योंकि हम लोग आपको बचाने का पूरा प्रयास करेंगे। इतनी जल्दी वसीयत लिखने की कोई जरुरत नहीं है।
राजनेता ने कहा, ‘वसीयत कौन लिख रहा है, मैं तो उन लोगों के नाम लिख रहा हूं, कि जब मैं पागल हो जाऊंगा तो किन-किन लोगों को काटना है।
(8). आर यू रिलैक्सिंग?
किशनलालजी एक बार विदेश घूमने गए। वहां वे समुद्र किनारे धूप सेंक रहे थे। उधर से गुजरने वाले एक विदेशी व्यक्ति ने उनसे पूछा, ‘हेलो, आर यू रिलैक्सिंग?’ किशनलालजी ने उसे कोई जवाब नहीं दिया।
थोड़ी देर बाद एक आदमी ने फिर यही सवाल किया, ‘ आर यू रिलैक्सिंग?’ इसी तरह वहां गुजरने वाले कई आदमियों ने उनसे यही सवाल किया।
आखिरकार किशनलालजी के सब्र का बांध टूट गया और वे किसी दूसरी जगह जाकर बैठ गए। वहां एक विदेशी आदमी धूप में आराम कर रहा था।
किशनलालजी ने उससे पूछा, ‘ आर यू रिलैक्सिंग?’ उस आदमी ने तुरंत जवाब दिया, ‘यस-यस।’ इस पर किशनलालजी उबल पड़े और बोले, ‘अबे तो यहां क्या कर रहा है? वहां सब तुझे ढूंढ़ रहे हैं।
(9). यहां क्यों सो रहे हो?
एक आदमी बैंक के बाहर सो रहा था। गार्ड ने उसे सोते देख जगाकर पूछा, ‘यहां क्यों सो रहे हो? कहीं और जाकर सोओ।
आदमी ने गार्ड को वहां लगे बोर्ड को पढ़ने के लिए कहा। बोर्ड पर लिखा था- “यहां सोने पर लोन मिलेगा।”
(10). स्वर्ग में क्रिकेट है…!
इतवारी और रामलाल बचपन के साथी थे। दोनों की उम्र लगभग 90 के आस-पास थी।
यह दिन इतवारी बीमार पड़ गए। रामलाल उसकी खबर लेने रोज उसके घर जाता और वे रोज अपनी दोस्ती के किस्से दोहराते थे। रामलाल को यकीन हो गया था कि इतवारी कुछ ही दिनों का मेहमान है।
एक दिन रामलाल ने बिस्तर पर पड़े अपने दोस्त से कहा, ‘देखो, जब तुम मर जाओगे, मेरे लिए एक काम करोगे?’ ‘कौन सा काम?’ इतवारी ने पूछा।
‘तुम मरने के बाद स्वर्ग में क्रिकेट है कि नहीं, क्या ये बताओगे?’ दोनों क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने थे। ‘क्यों नहीं?’ इतवारी ने कहा। एक-दो दिन में ही इतवारी की मृत्यु हो गई।
कुछ दिन बाद रामलाल को अपने मरे हुए दोस्त इतवारी की आवाज सुनाई दी। ‘तुम्हारे लिए मेरे पास दो खबरें हैं…एक अच्छी और एक बुरी…’
‘अच्छी खबर ये है कि स्वर्ग में क्रिकेट है…।’
‘और बुरी खबर…?’ रामलाल ने पूछा।
‘और बुरी खबर ये है कि तुम्हें आनेवाले बुधवार के मैच में बॉलिंग करनी है।’
(11). मिर्ची
एक बार बबलू ससुराल जाने के लिए तैयार हो रहा था। उसकी माँ बोली, ‘बेटा, ससुराल ख़ाली हाथ मत जाना, बच्चों के लिए हरे फल लेते जाना।’
बबलू को कोई हरा फल नहीं मिला तो एक किलो हरी मिर्च ले गया…
ससुराल पहुंचते ही बच्चे आकर बबलू से लिपट गए…
उसने सबको एक-एक मिर्च दी… खाते ही बच्चों की आंखों में आंसू आ गए…
ये देखकर बबलू बोला, ‘रोते क्यों हो बच्चों, एक-एक और ले लो!!!’
(12). कवि
सीने में दर्द की शिकायत होने पर एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेड पर लेटे हुए उसने अपनी पत्नी से कहा : ‘अब मैं कुछ बनूं या ना बनूं, कवि तो जरुर बन जाऊंगा।’
‘वह कैसे?’ पत्नी ने व्याकुलता से पति से पूछा’
‘कल टीवी पर एक कवि कह रहा था कि, कवि बनने के लिए सीने में दर्द का होना जरुरी है,’ उस व्यक्ति ने उत्तर दिया।
(13). नींद की गोलिया
एक दिन रामलालजी थके हारे डॉक्टर के पास गए। अपनी परेशानी बताते हुए उन्होंने कहा – ” साहब, हमारी गली के कुत्ते रातभर भौंकते रहते हैं और मैं चैन से सो नहीं पाता, क्या करुं?
डॉक्टर ने कहा – ” आप बिल्कुल चिंता न करें। मेरी लिखी नींद की गोलियां लेने से आप रातभर गहरी नींद में सो सकेंगे। “
कुछ सप्ताह बाद रामलालजी वापस डॉक्टर से मिलते हैं। इस बार वह पहले से ज्यादा परेशान नज़र आ रहे थे।
डॉक्टर ने पूछा – ” रामलालजी, उन दवाओं से क्या आपको कुछ राहत मिली? रामलालजी ने नाराजगी जताते हुए कहा -” साहब, अब तो मैं पहले से ज्यादा थक गया हूं।
डॉक्टर ने कहा – ” मैंने आपको नींद की सबसे बढ़िया गोलियां दी थी, फिर भी आपकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। चलो इस बार आपको पहले से भी ज्यादा असरदार गोलियां देता हूं।
रामलालजी ने कहा – ” क्या यह गोलियां सचमुच असर करेंगी, क्योंकि मैं सारी रात कुत्तों को पकड़ने में लगा रहता हूं और मुश्किल से अगर एक-आधे को पकड़ भी लूं, तो उसके मुंह में गोली डालना बहुत मुश्किल हो जाता है। “
(14). जब यमराज आएं तो
शर्मा जी के बचने की अब कोई संभावना नहीं थी। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था।
एक दिन शर्माजी अपनी बीवी से बोले, ” सुनो, तुम्हारे पास इस समय जो सबसे अच्छे गहने और साड़ी हो, सब पहनकर आ जाओ। ” शर्माजी की बात पर बीवी को गुस्सा आया और वो बोली, ” सजने – संवरने का ये कौनसा मौका है जी? “
शर्माजी बोले, ” तुम नहीं समझोगी भाग्यवान, मैं चाहता हूं कि मुझे लेने जब यमराज आएं, तो तुम इतनी खूबसूरत लगो कि यमराज मेरी जगह तुम्हें ही ले जाएं। “
(15). गंजा मूर्ख
तीन मित्र हज यात्रा पर गए। इनमें से एक नाई और दूसरा गंजा था। रात तीनों रेगिस्तान में ठहरे। खतरा था, अनजान जगह थी, तो तय किया कि एक-एक आदमी जागकर पहरा देता रहे।
पहली चिट नाई के नाम निकली, तो नाई एक-तिहाई रात जागा, लेकिन उसे नींद आने लगी। तो उसने सोचा, क्या करुं? रेगिस्तान में कोई दूसरा काम भी न दिखा। कुछ और तो उसे आता नहीं था, नाइ का धंधा आता था। बैठे-बैठे करे क्या? सोचा इसमें लग जाऊं तो नींद भी नहीं आएगी, काम भी रहेगा और जागा भी रहूंगा। तो उसने पहले मित्र रहीम का सिर मूंड दिया।
नंबर दो पर उसी मित्र का रात का पहरा था, जिसका सिर मूंडा गया था। जब उसका समय आया तो नाई ने उसे जगाया कि, उठो रहीम। उसने अपनी आदतवश सिर पर हाथ फेरा। उसने कहा, भाई, दिखता है कि तुमने उस गंजे मुर्ख को जगा दिया, मेरी जगह।
(16). इंडिया में लाइट जाती है तो
रामलाल अपने मित्र किशनलाल से : पता है, अमेरिका में लाइट जाती है तो पावर ऑफिस में फोन करते हैं और जापान में लाइट जाती है तो फ्यूज चेक करते हैं।
किशनलाल ने जवाब दिया : और जब हमारे इंडिया में लाइट जाती है तो पड़ोसी के घर में झांककर देखते हैं, कि सबकी तो गई है ना और राहत की सांस लेते हैं।
(17). तीन कैदी
तीन कैदी जेल में बातचीत कर रहे थे।
पहला कैदी – “शक्लें भी खूब धोखा देती हैं, एक बार एक साहब मुझे दिलीप कुमार समझ बैठे।”
दूसरा कैदी – “ठीक कह रहे हो, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मुझे देखकर एक साहब लाल बहादुर शास्त्री का धोखा खा गए।”
तीसरा कैदी – “अजी यह तो कुछ भी नहीं। मैं जब चौथी बार जेल पहुंचा, तो जेलर बोला – हे भगवान ! तू फिर आ गया।”
(18). पागल अभिनेत्री
बॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री ने अपने आपको घायल कर लिया। इलाज के लिए वह अपने प्लास्टिक सर्जन के पास पहुंची। सर्जन ने देखा कि अभिनेत्री के हाथ में एक गोलाकार घाव हो गया था, जो किसी गोली के लगने के कारण हुआ था।
डॉक्टर ने कहा कि इलाज तो वह कर देगा, लेकिन चूंकि यह पिस्तौल से चली गोली के कारण हुआ घाव है, इसलिए ऐसे मामलों में वह पुलिस को रिपोर्ट अवश्य करेगा। अभिनेत्री ने डॉक्टर से निवेदन किया कि वे ऐसा बिल्कुल नहीं करें, नहीं तो उसका सारा कॅरिअर खत्म हो जाएगा।
डॉक्टर को उस पर थोड़ा तरस आया। उसने पूछा, पर आखिर हुआ क्या था? जब तक इस किस्से के बारे में, मैं जान न लूं, मैं ऐसा कोई वादा नहीं कर सकता।
अभिनेत्री ने बताया, ठीक है, मैं आप पर भरोसा कर सकती हूं। दरअसल मैं आत्महत्या की कोशिश कर रही थी, तो सबसे पहले मैंने पिस्तौल की नाल मुंह में राखी। लिबलिबी दबाने जा रही थी कि विचार आया, अरे ! अभी तो मैंने अपने दांतों में नए ब्रिज लगवाए हैं, हजारों खर्च कर रुट कैनाल ट्रीटमेंट कराया है, उसे मैं खराब नहीं करना चाहती थी।
फिर मैंने पिस्तौल अपने माथे पर टिकाई, लेकिन फौरन याद आया कि अभी तो छह महीने भी नहीं हुए थे कि मैंने अपना फेस लिफ्ट कराया था और नोज-जॉब कराया था, वह तो बर्बाद हो जाता।
यही सोचकर मैंने पिस्तौल अपनी कनपटी पर टिकाई, लेकिन फिर ख्याल आया कि जब गोली चलेगी तो आवाज बहुत जोर की आएगी और मेरे कान के परदे फट सकते हैं।
आखिर मैंने अपने दिल पर पिस्तौल टिकाई। गोली चलने ही वाली थी कि मेरे महंगे सिलिकॉन इम्प्लांट याद आ गए। फिर मैं क्या करती? गोली मैंने अपने हाथ में मार ली।
इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article के चुटकुलों से आपको ख़ुशी हुई होगी। अगर आपको ये Article के चुटकुले पढ़कर मझा आया हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह चुटकुले जरूर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !









