मज़ेदार चुटकुले Funny Jokes in hindi

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मज़ेदार चुटकुले हमारी रोज़ की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, कम समय में हमारा तनाव दूर करने में बहुत काम आते है।

(1). लीकेज

बबलू बर्फ़ का टुकड़ा हाथ में लेकर ग़ौर से देख रहा था… किसी ने पूछा, ‘क्या कर रहे हो?’

बबलू ने कहा, ‘देख रहा हूं, यह लीक कहां से हो रहा है?’

(2). चिंटू

चिंटू सुबह-सुबह बस से जा रहा था। उसकी बगल वाली सीट पर एक महिला अपने बच्चे के साथ बैठी हुई थी। महिला के हाथ में टिफिन था, जिसमें हलवा रखा हुआ था।

वह बच्चे को हलवा खिलाने की कोशिश कर रही थी पर बच्चा खाना नहीं चाहता था, नखरे कर रहा था।

महिला बार-बार बच्चे से कह रही थी, ‘बेटा, जल्दी से हलवा खा लो, नहीं तो मैं इसे बगल में बैठे अंकल को दे दूंगी।’

बच्चे को शायद भूख नहीं थी, इसलिए वह टिफिन की तरफ देख भी नहीं रहा था।

महिला बार-बार वही बात दोहरा रही थी, ‘बेटा, जल्दी से हलवा खा लो, वरना मैं हलवा बगल में बैठे अंकल को दे दूंगी…’

जब काफी देर हो गई तो तो चिंटू बोला, ‘बहनजी, आपको जो फ़ैसला करना है, जल्दी कीजिए… आपके हलवे के चक्कर में मैं 4 स्टॉप आगे आ गया हूं!!!’

(3). लाइट खाना

रामलालजी बल्ब के सामने मुंह खोलकर खड़े थे। उनके पड़ोसी और मित्र श्यामलाल ने पूछा, ‘क्या बात है, तुम बल्ब के सामने मुंह खोलकर क्यों खड़े हो?

रामलालजी ने कहा, ‘क्या कहूं दोस्त, आज डॉक्टर ने लाइट खाने के लिए कहा है।

(4). बाहर खाना

पति अपनी पत्नी से, ‘आज बाहर खाना खाएंगे।’

पत्नी (ख़ुशी से), ‘ठीक है, मैं 2 मिनट में तैयार होती हूं…’

पति, ‘ठीक है, मैं बाहर चटाई बिछाता हूं… तुम खाना बनाकर ले आना।’

(5). एक्सल आता है?

बंटी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया।

इंटरव्यूअर : ‘तुम्हें एक्सल आता है?’

बंटी : ‘एक्स.एल. आ तो जाएगा सर, पर बहुत ढीला रहेगा!’

(6). किताबी सच

एक बुजुर्ग व्यक्ति को घर की रद्दी में ‘चेहरे से जानें आपका व्यक्तित्व’ नामक एक पुरानी किताब पढ़ने को मिल गई। लिखा था कि चपटी नाक वाला बड़ा कपटी, बड़े कान वाला धूर्त और लंबी दाढ़ी वाला मूर्ख होता है।

घबराकर उसने अपनी नाक टटोली, वह लंबी थी। दोनों कान संभाले, वे भी ठीक साइज के लगे, परंतु उसकी दाढ़ी बहुत लंबी थी। उसे अपनी लंबी दाढ़ी पर बड़ा गर्व था, परंतु किताब पढ़कर वह उलझन में पड़ गया। पुरानी किताब की लिखी बात कभी झूठ नहीं हो सकती। कहीं उसे लोग मूर्ख तो नहीं समझते हैं। अब वह क्या करे? कैसे दाढ़ी को छोटी करे। उसके पास कैंची भी नहीं थी।

कुछ सोचकर उसने एक मोमबत्ती जलाई और दाढ़ी के आगे का हिस्सा पकड़ कर उसे जलाने लगा। घास सी सूखी दाढ़ी ने तेजी से आग पकड़ ली। वह कुछ समझ-सोच पाता तब तक सारी दाढ़ी जल गई। जलती दाढ़ी से उड़ी चिंगारियों ने उसके बालों को भी पकड़ लिया। मिनटों में दाढ़ी के साथ सिर के बाल भी जल गए।

वह घबराकर चिल्लाया। पड़ौसी दौड़कर आए। उसका काला मुंह और उसके आसपास उड़ता धुआं देखकर पड़ौसी ने पूछा, ‘अरे! चाचा, ये क्या हुआ?’

अब बेचारा चाचा क्या कहता? धीरे से बोला, ‘इस किताब का लिखा सच हो गया कि लंबी दाढ़ी वाला मूर्ख होता है।’

(7). पागल राजनेता

एक राजनेता अस्पताल में लाया गया। बड़ा राजनेता था, बड़े डॉक्टरों ने परीक्षण किया। सब बहुत घबराए भी थे। डॉक्टरों ने कहा कि बड़ी देर हो गई। आपको पागल कुत्ते ने काटा है और अब इंजेक्शन असर भी करेगा कि नहीं, यह कहना मुश्किल है।

राजनेता ने कहा, जल्दी से कागज लाओ, कलम लाओ। डॉक्टर ने कागज-कलम दिए और राजनेता लिखने लगा। डॉक्टर ने पूछा कि क्या आप वसीयत लिख रहे हैं? आप घबराइए मत, इतनी जल्दी आप नहीं मरेंगे, क्योंकि हम लोग आपको बचाने का पूरा प्रयास करेंगे। इतनी जल्दी वसीयत लिखने की कोई जरुरत नहीं है।

राजनेता ने कहा, ‘वसीयत कौन लिख रहा है, मैं तो उन लोगों के नाम लिख रहा हूं, कि जब मैं पागल हो जाऊंगा तो किन-किन लोगों को काटना है।

(8). आर यू रिलैक्सिंग?

किशनलालजी एक बार विदेश घूमने गए। वहां वे समुद्र किनारे धूप सेंक रहे थे। उधर से गुजरने वाले एक विदेशी व्यक्ति ने उनसे पूछा, ‘हेलो, आर यू रिलैक्सिंग?’ किशनलालजी ने उसे कोई जवाब नहीं दिया।

थोड़ी देर बाद एक आदमी ने फिर यही सवाल किया, ‘ आर यू रिलैक्सिंग?’ इसी तरह वहां गुजरने वाले कई आदमियों ने उनसे यही सवाल किया।

आखिरकार किशनलालजी के सब्र का बांध टूट गया और वे किसी दूसरी जगह जाकर बैठ गए। वहां एक विदेशी आदमी धूप में आराम कर रहा था।

किशनलालजी ने उससे पूछा, ‘ आर यू रिलैक्सिंग?’ उस आदमी ने तुरंत जवाब दिया, ‘यस-यस।’ इस पर किशनलालजी उबल पड़े और बोले, ‘अबे तो यहां क्या कर रहा है? वहां सब तुझे ढूंढ़ रहे हैं।

(9). यहां क्यों सो रहे हो?

एक आदमी बैंक के बाहर सो रहा था। गार्ड ने उसे सोते देख जगाकर पूछा, ‘यहां क्यों सो रहे हो? कहीं और जाकर सोओ।

आदमी ने गार्ड को वहां लगे बोर्ड को पढ़ने के लिए कहा। बोर्ड पर लिखा था- “यहां सोने पर लोन मिलेगा।”

(10). स्वर्ग में क्रिकेट है…!

इतवारी और रामलाल बचपन के साथी थे। दोनों की उम्र लगभग 90 के आस-पास थी।

यह दिन इतवारी बीमार पड़ गए। रामलाल उसकी खबर लेने रोज उसके घर जाता और वे रोज अपनी दोस्ती के किस्से दोहराते थे। रामलाल को यकीन हो गया था कि इतवारी कुछ ही दिनों का मेहमान है।

एक दिन रामलाल ने बिस्तर पर पड़े अपने दोस्त से कहा, ‘देखो, जब तुम मर जाओगे, मेरे लिए एक काम करोगे?’ ‘कौन सा काम?’ इतवारी ने पूछा।

‘तुम मरने के बाद स्वर्ग में क्रिकेट है कि नहीं, क्या ये बताओगे?’ दोनों क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने थे। ‘क्यों नहीं?’ इतवारी ने कहा। एक-दो दिन में ही इतवारी की मृत्यु हो गई।

कुछ दिन बाद रामलाल को अपने मरे हुए दोस्त इतवारी की आवाज सुनाई दी। ‘तुम्हारे लिए मेरे पास दो खबरें हैं…एक अच्छी और एक बुरी…’

‘अच्छी खबर ये है कि स्वर्ग में क्रिकेट है…।’

‘और बुरी खबर…?’ रामलाल ने पूछा।

‘और बुरी खबर ये है कि तुम्हें आनेवाले बुधवार के मैच में बॉलिंग करनी है।’

(11). मिर्ची

एक बार बबलू ससुराल जाने के लिए तैयार हो रहा था। उसकी माँ बोली, ‘बेटा, ससुराल ख़ाली हाथ मत जाना, बच्चों के लिए हरे फल लेते जाना।’

बबलू को कोई हरा फल नहीं मिला तो एक किलो हरी मिर्च ले गया…

ससुराल पहुंचते ही बच्चे आकर बबलू से लिपट गए…

उसने सबको एक-एक मिर्च दी… खाते ही बच्चों की आंखों में आंसू आ गए…

ये देखकर बबलू बोला, ‘रोते क्यों हो बच्चों, एक-एक और ले लो!!!’

(12). कवि

सीने में दर्द की शिकायत होने पर एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेड पर लेटे हुए उसने अपनी पत्नी से कहा : ‘अब मैं कुछ बनूं या ना बनूं, कवि तो जरुर बन जाऊंगा।’

‘वह कैसे?’ पत्नी ने व्याकुलता से पति से पूछा’

‘कल टीवी पर एक कवि कह रहा था कि, कवि बनने के लिए सीने में दर्द का होना जरुरी है,’ उस व्यक्ति ने उत्तर दिया।

(13). नींद की गोलिया

एक दिन रामलालजी थके हारे डॉक्टर के पास गए। अपनी परेशानी बताते हुए उन्होंने कहा – ” साहब, हमारी गली के कुत्ते रातभर भौंकते रहते हैं और मैं चैन से सो नहीं पाता, क्या करुं?

डॉक्टर ने कहा – ” आप बिल्कुल चिंता न करें। मेरी लिखी नींद की गोलियां लेने से आप रातभर गहरी नींद में सो सकेंगे। “

कुछ सप्ताह बाद रामलालजी वापस डॉक्टर से मिलते हैं। इस बार वह पहले से ज्यादा परेशान नज़र आ रहे थे।

डॉक्टर ने पूछा – ” रामलालजी, उन दवाओं से क्या आपको कुछ राहत मिली? रामलालजी ने नाराजगी जताते हुए कहा -” साहब, अब तो मैं पहले से ज्यादा थक गया हूं।

डॉक्टर ने कहा – ” मैंने आपको नींद की सबसे बढ़िया गोलियां दी थी, फिर भी आपकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। चलो इस बार आपको पहले से भी ज्यादा असरदार गोलियां देता हूं।

रामलालजी ने कहा – ” क्या यह गोलियां सचमुच असर करेंगी, क्योंकि मैं सारी रात कुत्तों को पकड़ने में लगा रहता हूं और मुश्किल से अगर एक-आधे को पकड़ भी लूं, तो उसके मुंह में गोली डालना बहुत मुश्किल हो जाता है। “

(14). जब यमराज आएं तो

शर्मा जी के बचने की अब कोई संभावना नहीं थी। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था।

एक दिन शर्माजी अपनी बीवी से बोले, ” सुनो, तुम्हारे पास इस समय जो सबसे अच्छे गहने और साड़ी हो, सब पहनकर आ जाओ। ” शर्माजी की बात पर बीवी को गुस्सा आया और वो बोली, ” सजने – संवरने का ये कौनसा मौका है जी? “

शर्माजी बोले, ” तुम नहीं समझोगी भाग्यवान, मैं चाहता हूं कि मुझे लेने जब यमराज आएं, तो तुम इतनी खूबसूरत लगो कि यमराज मेरी जगह तुम्हें ही ले जाएं। “

(15). गंजा मूर्ख

तीन मित्र हज यात्रा पर गए। इनमें से एक नाई और दूसरा गंजा था। रात तीनों रेगिस्तान में ठहरे। खतरा था, अनजान जगह थी, तो तय किया कि एक-एक आदमी जागकर पहरा देता रहे।

पहली चिट नाई के नाम निकली, तो नाई एक-तिहाई रात जागा, लेकिन उसे नींद आने लगी। तो उसने सोचा, क्या करुं? रेगिस्तान में कोई दूसरा काम भी न दिखा। कुछ और तो उसे आता नहीं था, नाइ का धंधा आता था। बैठे-बैठे करे क्या? सोचा इसमें लग जाऊं तो नींद भी नहीं आएगी, काम भी रहेगा और जागा भी रहूंगा। तो उसने पहले मित्र रहीम का सिर मूंड दिया।

नंबर दो पर उसी मित्र का रात का पहरा था, जिसका सिर मूंडा गया था। जब उसका समय आया तो नाई ने उसे जगाया कि, उठो रहीम। उसने अपनी आदतवश सिर पर हाथ फेरा। उसने कहा, भाई, दिखता है कि तुमने उस गंजे मुर्ख को जगा दिया, मेरी जगह।

(16). इंडिया में लाइट जाती है तो

रामलाल अपने मित्र किशनलाल से : पता है, अमेरिका में लाइट जाती है तो पावर ऑफिस में फोन करते हैं और जापान में लाइट जाती है तो फ्यूज चेक करते हैं।

किशनलाल ने जवाब दिया : और जब हमारे इंडिया में लाइट जाती है तो पड़ोसी के घर में झांककर देखते हैं, कि सबकी तो गई है ना और राहत की सांस लेते हैं।

(17). तीन कैदी

तीन कैदी जेल में बातचीत कर रहे थे।

पहला कैदी – “शक्लें भी खूब धोखा देती हैं, एक बार एक साहब मुझे दिलीप कुमार समझ बैठे।”

दूसरा कैदी – “ठीक कह रहे हो, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मुझे देखकर एक साहब लाल बहादुर शास्त्री का धोखा खा गए।”

तीसरा कैदी – “अजी यह तो कुछ भी नहीं। मैं जब चौथी बार जेल पहुंचा, तो जेलर बोला – हे भगवान ! तू फिर आ गया।”

(18). पागल अभिनेत्री

बॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री ने अपने आपको घायल कर लिया। इलाज के लिए वह अपने प्लास्टिक सर्जन के पास पहुंची। सर्जन ने देखा कि अभिनेत्री के हाथ में एक गोलाकार घाव हो गया था, जो किसी गोली के लगने के कारण हुआ था।

डॉक्टर ने कहा कि इलाज तो वह कर देगा, लेकिन चूंकि यह पिस्तौल से चली गोली के कारण हुआ घाव है, इसलिए ऐसे मामलों में वह पुलिस को रिपोर्ट अवश्य करेगा। अभिनेत्री ने डॉक्टर से निवेदन किया कि वे ऐसा बिल्कुल नहीं करें, नहीं तो उसका सारा कॅरिअर खत्म हो जाएगा।

डॉक्टर को उस पर थोड़ा तरस आया। उसने पूछा, पर आखिर हुआ क्या था? जब तक इस किस्से के बारे में, मैं जान न लूं, मैं ऐसा कोई वादा नहीं कर सकता।

अभिनेत्री ने बताया, ठीक है, मैं आप पर भरोसा कर सकती हूं। दरअसल मैं आत्महत्या की कोशिश कर रही थी, तो सबसे पहले मैंने पिस्तौल की नाल मुंह में राखी। लिबलिबी दबाने जा रही थी कि विचार आया, अरे ! अभी तो मैंने अपने दांतों में नए ब्रिज लगवाए हैं, हजारों खर्च कर रुट कैनाल ट्रीटमेंट कराया है, उसे मैं खराब नहीं करना चाहती थी।

फिर मैंने पिस्तौल अपने माथे पर टिकाई, लेकिन फौरन याद आया कि अभी तो छह महीने भी नहीं हुए थे कि मैंने अपना फेस लिफ्ट कराया था और नोज-जॉब कराया था, वह तो बर्बाद हो जाता।

यही सोचकर मैंने पिस्तौल अपनी कनपटी पर टिकाई, लेकिन फिर ख्याल आया कि जब गोली चलेगी तो आवाज बहुत जोर की आएगी और मेरे कान के परदे फट सकते हैं।

आखिर मैंने अपने दिल पर पिस्तौल टिकाई। गोली चलने ही वाली थी कि मेरे महंगे सिलिकॉन इम्प्लांट याद आ गए। फिर मैं क्या करती? गोली मैंने अपने हाथ में मार ली।

इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article के चुटकुलों से आपको ख़ुशी हुई होगी। अगर आपको ये Article के चुटकुले पढ़कर मझा आया हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह चुटकुले जरूर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

चुटकुले Funny Jokes in hindi

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मज़ेदार चुटकुले हमारी रोज़ की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, कम समय में हमारा तनाव दूर करने में बहुत काम आते है।

(1). घड़ी

घड़ी 1

एक शिक्षक महोदय बहुत भुलक्क्ड़ थे। अपनी घड़ी सदा बाईं जेब में रखते थे।

एक बार भूल से दाईं जेब में घड़ी रख ली और जब समय देखने के लिए बाईं जेब में हाथ डाला तो घड़ी गायब।

उन्होंने एक विद्यार्थी से कहा : ‘जाओ, घर से मेरी घड़ी ले आओ।’

फिर दाईं जेब में हाथ डालकर घड़ी निकाली और कहने लगे, अभी 10-20 हुए हैं, 10-40 तक लौट आना।

(2). लॉक

रमेश मोबाइल बेचने वाले से झगड़ा कर रहा था।

लोगों ने पूछा क्या हुआ?

रमेश : जब मैंने मोबाइल खरीदा तो इसने बोला था कि मोबाइल में लॉक भी है। अब यह ताला चाबी देने से मना कर रहा है।

(3). दो मुर्ख

दो मित्र नक्सली इलाके से गुजरे। उन्हें वहां चार बम पड़े हुए मिले।

पहले मित्र ने कहा – ‘चल यार, इन्हें पुलिस स्टेशन में जमा करा देते हैं।’

दूसरे ने कहा – ‘यदि पुलिस स्टेशन ले जाते समय एकाध फट गया तो?’

पहला मित्र बोला – ‘तो क्या हुआ, कह देंगे कि तीन ही मिले थे।’

(4). किशनलाल और रामलाल

किशनलाल रामलाल

किशनलाल ने अपने मित्र रामलाल से कहा – ‘अगर तुम्हें सर्दी लगती है तो तुम क्या करते हो?’

रामलाल ने कहा – ‘मैं हीटर के आगे बैठ जाता हूं।

किशनलाल ने फिर पूछा – ‘यदि उसके बाद भी ठंड दूर नहीं होती तो तुम क्या करते हो?’

रामलाल ने कहा – ‘फिर मैं हीटर चालू कर लेता हूं।’

(5). दार्शनिक महोदय

दार्शनिक महोदय खरीदारी के लिए गए। घर लौटने पर पता चला कि अपनी छतरी किसी दुकान पर भूल आए हैं। उलटे पैर वे बाज़ार गए। एक-एक करके छह दुकानों में गए, लेकिन छतरी कहीं नहीं मिली।

आखिर सातवीं दुकान पर छतरी मिल गई। वह बेहद खुश हुए और दुकानदार को धन्यवाद देते हुए बोले – ‘इस बाज़ार में आप ही अकेले ईमानदार दुकानदार हैं। अब देखिए ना, मैं छह दुकानों में गया, सभी ने कहा कि छतरी हमारे यहां नहीं है।’

(6). सलाह

सलाह

नाटककार : मेरे नाटक के बारे में आपका क्या खयाल है?

आलोचक : मैं एक सलाह देना चाहता हूं।

नाटककार : वो क्या?

आलोचक : नाटक के अंत में विलेन को पिस्तौल से शूट करने की बजाय जहर देकर मारा जाए। फायर की आवाज से दर्शकों की आंख खुल सकती है।

(7). मुर्ख नौकर

एक आदमी ने बड़ी कोशिशों के बाद ब्लैक मार्केट से घी के दस कनस्तर खरीदे और अपने नौकर को अकेले में ले जाकर कहा, -‘ किसी को कानो-कान खबर न हो, बगीचे में एक गड्ढा खोदकर उसमें यह घी छिपा दो।’

थोड़ी देर बाद नौकर वापस आया और बोला – ‘साहब, आपने कहा था सो गड्ढा खोदकर घी तो छिपा दिया, अब इन खाली डिब्बों का क्या करुं?’

(8). बंटू की टिप

बंटू होटल में गया…खाने का आर्डर किया…खाने के बाद बिल भरा…

फिर अचानक वेटर के पास गया और कहने लगा – ‘ककड़ी के दो टुकड़े रोज़ आंखों में लगाया करो,

रात को मेथी पानी में भिगोकर सुबह छानकर पिया करो।’

वेटर ने हैरान होकर पूछा कि यह सब आप मुझे क्यों बता रहे हैं?

बंटू ने कहा – ‘मुझे किसी ने कहा था कि पेमेंट देने के बाद वेटर को कुछ न कुछ टिप ज़रुर देना।’

(9). चार जुआरी

चार जुआरी 1

चार व्यक्तियों को अदालत में पेश किया गया। आरोप था कि वे पार्क में बैठे जुआ खेल रहे थे। मजिस्ट्रेट ने बारी-बारी से उनसे पूछा।

पहले ने कहा, ‘मैं उस दिन यहां था ही नहीं। सबूत के तौर पर पर मैं अपने ट्रेवल एजेंट से रेल-टिकट की रसीद लेकर दे सकता हूं।’

दूसरा बोलै, ‘उस दिन मैं घर पर बुखार में पड़ा था। डॉक्टर का सर्टिफिकेट पेश कर सकता हूं।’

तीसरे का जवाब था, ‘मैंने आज तक कभी जुआ नहीं खेला और न ही ताश को हाथ लगाया।’

चौथा चुपचाप खड़ा रहा। उससे पूछा, ‘और तुम जुआ नहीं खेल रहे थे?’ वह बोला, ‘साहब, अकेले जुआ कौन खेलता है?’

(10). टिकट

एक वजनी औरत ने सिनेमा हॉल के गेटकीपर को दो टिकट थमाए। गेटकीपर ने दोनों टिकटों को आधा करते हुए पूछा – ‘आपके साथ और कौन है?’

वह मुस्कुराते हुए बोली – ‘दरअसल, दूसरा भी मेरा ही टिकट है। एक सीट पर ठीक से बैठा नहीं जाता, इसलिए दो सीटें लेती हूं, ताकि पैर फैलाकर आराम से बैठ सकूं।’

लेकिन मैडम, गेटकीपर ने कहा – ‘आपकी एक सीट का नंबर आठ है और दूसरी सीट का नंबर सोलह है।’

(11). मुर्ख पंडित

किशनलाल की पत्नी गांव के सबसे बड़े पंडित के पास गई, क्योंकि पांच दिन पहले किशनलाल बाज़ार गए थे आलू खरीदने और लौटे नहीं। इंतजार की भी हद होती है। अब कहां ढूंढ़ा जाए?

पड़ोसियों-रिश्तेदारों ने कहा कि पंडितजी के पास जाओ, ज्योतिषी भी हैं और शास्त्रों का भी उन्हें अच्छा ज्ञान है, जरुर कोई न कोई रास्ता बताएंगे।

पत्नी ने जाकर पंडितजी को कहा कि मेरे पतिदेव किशनलाल पांच दिन पहले आलू खरीदने गए थे, अब तक लौटे नहीं हैं, अब आप ही बताइए मैं क्या करुं?’

पंडितजी ने बहुत सोच-विचार किया। उन्होंने आंखें बंद कीं, कुछ मंत्र वगैरह भी पढ़े। फिर बोले कि, ‘बहनजी, अब जो हुआ सो हुआ ! पांच दिन हो गए और आलू नहीं आए, तो अब एक ही रास्ता है, घर में जो भी हो, दाल आदि बना लो !’

(12). युद्ध कैसे शुरु होता हैं…?

युद्ध कैसे शुरु होता हैं 1

बेटा : पिता जी, युद्ध कैसे शुरु होता हैं…?

पिता जी : मान लो, अमेरिका और इंग्लैंड में किसी बात पर मतभेद हो गया…

माँ : लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में मतभेद हो ही नहीं सकता !

पिता जी : अरे भई, मैं तो सिर्फ उदाहरण दे रहा था…

माँ : मगर तुम गलत उदहारण देकर बच्चे को बहका रहे हो !

पिता जी : मैं नहीं बहका रहा हूं !

माँ : ये बहकाना नहीं तो और क्या है?

पिता जी : चुप रहो… ! एक बार कह दिया न कि मैं नहीं बहका रहा हूं !

माँ : मैं क्यूं चुप रहूं ! ये मेरे बच्चों की पढ़ाई का सवाल है !

बच्चा : प्लीज ! आप लोग झगड़ा मत करिए, मैं समझ गया कि युद्ध कैसे शुरु होता हैं।

(13). नौकर

एक आदमी ने अपने घर एक नौकर रखा। दो-चार दिन उसका काम देखकर वह आदमी परेशान हो गया और उसने उस नौकर को कहा, ” यह नौकरी चलेगी नहीं। अजीब आदमी हो, तीन नींबू बाज़ार से खरीदने होते हैं तो तुम तीन बार बाजार जाते हो। तीन नींबू एक ही बार में खरीदे जा सकते हैं। क्या बात हे? एक नींबू खरीदने गए, फिर दूसरा नींबू खरीदने गए। तीन नींबू लाने के लिए तीन बार बाज़ार जाना? यह नौकरी चल नहीं सकती। या तो अपने में सुधार कर लो या कल से नौकरी को समाप्त समझो।”

नौकर ने कहा, “मेरे मालिक मैंने सुधार कर लिया और ऐसी भूल दुबारा नहीं होगी।

आठ दिन बाद उसका मालिक बीमार पड़ गया। उसने कहा, डॉक्टर को बुला लाओ। वह डॉक्टर को बुलाकर लाया, साथ में एक भीड़ और बुला लाया, न मालूम कितने लोगों को बुला लाया।

उसके मालिक ने पूछा, ” आ गए? उसने कहा, मैं डॉक्टर को बुला लाया।

मलिका ने कहा, ” वे बाकी लोग और कौन हैं?

उसने कहा. ” डॉक्टर कहेगा कि दवा चाहिए, तो मैं दवा वाले को भी बुला लाया हूं। और हो सकता है दवा काम न करे तो मैं कब्र खोदने वाले लोगों को भी बुला लाया हूं, क्योंकि आपने ही कहा था कि तीन नींबू खरीदने के लिए, तीन बार बाज़ार जाना जरुरी नहीं है।

(14). गरीब परिवार पर निबंध

एक अमीर लड़की को स्कूल में गरीब परिवार पर निबंध लिखने को कहा गया।

उसने कुछ ऐसा लिखा…….

निबंध :

एक गरीब परिवार था। पिता गरीब, माँ गरीब, बच्चे गरीब।

परिवार में चार नौकर थे, वे भी गरीब।

कार भी टूटी हुई मर्सिडीज थी।

उनका गरीब ड्राइवर बच्चों को टूटी हुई कार में स्कूल छोड़कर आता था।

बच्चों के पास पुराने एन95 मोबाइल थे।

बच्चे सप्ताह में सिर्फ तीन बार ही होटल में खाना खाते थे।

घर में केवल तीन सेकेंड हैंड एसी थे।

सारा परिवार बड़ी मुश्किल से ऐश कर रहा था।

(15). जंगल कितना सुंदर है

एक गधे ने सिगरेट सुलगाई और सुट्टा लगाने ही वाला था, कि वहां एक चूहा आया और बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” गधा चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।

कुछ दूरी पर एक हाथी कोकीन पी रहा था। उसे देखकर भी चूहा बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” हाथी चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।

कुछ आगे एक भालू अफीम खा रहा था। उसे देखकर भी चूहा बोला – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।” भालू भी चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।

कुछ आगे चलने पर शेर शराब का पैग तैयार करता हुआ मिला। उसे देखकर भी चूहा बोलै – “भाई ! ये नशा करना छोड़ो, मेरे साथ आओ और देखो, जंगल कितना सुंदर है।”

शेर ने गिलास एकतरफ रखा और चूहे को 5 -10 थप्पड़ मार दिए और उसके साथ आए प्राणियों के झुण्ड की और देखकर बोला – “कमबख्त यह चूहा कल भी मेरे पास भांग चढ़ाकर आया था और मुझे तीन घंटे तक जंगल घुमाता रहा, मेरी थकान अभी तक नहीं उतरी है।

(16). कंडक्टर और साहब

एक साहब सुबह ऑफिस जाने के लिए बस में सवार हुए तो कंडक्टर ने सवाल किया – ‘रात को ठीक-ठीक घर पहुंच गए थे !’

‘क्यों?’ उसने हैरानी से पूछा – ‘मुझे क्या हुआ था रात को?’

कंडक्टर ने जवाब दिया – ‘आप शराब पीकर टुन्न थे !’

‘तुम्हें कैसे पता चला? मैंने तो तुमसे बात तक नहीं की थी !’

‘आप जब बस में बैठे हुए थे तो एक मैडम बस में चढ़ी थीं, जिन्हें आपने उठकर अपनी सीट ऑफर की थी !’

‘तो?’

‘तब बस में आप दो ही पैसेंजर थे साहब !’

(17). लोन

लोन Loan

एक व्यक्ति बैंक में लोन लेने के लिए गया। 30,000 रुपये के लोन के लिए बैंक ने उससे कुछ बतौर सिक्योरिटी जमा कराने के लिए कहा। व्यक्ति ने अपनी सात सीरीज बीएमडब्ल्यू गाड़ी के सारे कागजात और चाबी बैंक को सौंप दिए। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद बैंक ने उसे 30,000 रुपये का लोन दे दिया।

बैंक वाले मन ही मन हंस रहे थे कि ज़रा से अमाउंट के बदले वह मुर्ख व्यक्ति इतनी महंगी गाड़ी छोड़कर जा रहा है। गाड़ी को बैंक के गैराज में पार्क कर दिया गया।

दो महीने बाद वह व्यक्ति वापस आया। 30,000 रुपये और ब्याज जो कि 600 रुपए था, चुकाने के बाद उसने अपनी गाड़ी वापस ले जाने की मांग की।

मैनेजर ने उसे चाबी देते हुए पूछा – ‘सर, मुझे आपके साथ ट्रांसेक्शन करते हुए बड़ी ख़ुशी हुई। पर एक बात समझ में नहीं आई कि आप इतने पैसे वाले हैं फिर आपको 30,000 रुपये के लोन की आवश्यकता क्यूं पड़ गई?’

व्यक्ति ने कहा – ‘मुझे भी आपके साथ ट्रांसेक्शन करके खुशी हुई। आप ही बताइए, पूरी मुंबई में ऐसी कौनसी जगह है, जहां मैं अपनी गाड़ी दो महीने के लिए पार्क कर दूं और वो मुझे वापस उसी हालात में मिले और वह भी सिर्फ 600 रुपए में।

(18). झाडू

हमारी पड़ोसन कौशल्या देवी ने अपने इकलौते बेटे की शादी बड़े धामधूम से की। बहू ने तीसरे दिन ही सुबह झाडू उठाई और आंगन साफ़ करने लगी। यह देखकर कौशल्या देवी बहू के हाथ से झाडू छीनते हुए बोली – ‘अरे बहू! अभी तो तुम्हारे हाथ की मेहंदी भी नहीं छूटी, लाओ झाडू मैं लगा दूंगी।’

बहू ने सास को झाडू दे दी। धीरे-धीरे पंद्रह दिन बीत गए, बहू ने झाडू लगाने का नाम ही नहीं लिया। माँ ने बेटे को स्थिति बताई तो बेटा बोला – ‘माँ, कल उठते ही मैं जोर-जोर से कहूंगा कि झाडू मैं लगाऊंगा और तुम झाडू छीनते हुए कहना कि झाडू मैं लगाउंगी। शोर सुनकर बहू शर्म से अपने आप झाडू लगाना शुरु कर देगी और बात बन जाएगी।’

दूसरे दिन माँ-बेटे की नोक-झोंक सुनकर बहू उठकर आई और बोली – ‘क्या बात है?’

माँ ने जब कहा कि यह जिद कर रहा है कि मैं झाडू लगाऊंगा और मैं कह रही हूं कि मैं ही झाडू लगा लूंगी, इसी बात पर बहस हो रही है।

बहू ने तपाक से फैसला सुना दिया कि पंद्रह दिन आप झाडू लगा लें और पंद्रह दिन ये लगा लेंगे। इसमें बहस करने की क्या जरुरत है। यह कहकर बहू सीधे अपने कमरे में चली गई और माँ-बेटे एक दूसरे का मुंह ताकते रह गए।

(19). विद्यार्थियों का प्लेन

इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी प्रोफ़ेसरों को एक प्लेन में बिठाया गया। जब सभी बैठ गए तो पायलट ने घोषणा की – ‘आपको यह जानकर खुशी होगी कि जिस प्लेन में आप बैठे हैं, उसे आप ही के कॉलेज के विद्यार्थियों ने बनाया है।’

इतना सुनते ही सभी प्रोफ़ेसर फौरन नीचे उतर गए। केवल प्रिंसिपल साहब बैठे रहे। उनसे पूछा गया – ‘सर आप क्यों नहीं उतरे?’

प्रिंसिपल साहब बोले – ‘मुझे अपने विद्यार्थियों पर पूरा भरोसा है…देख लेना, यह प्लेन स्टार्ट ही नहीं होगा…!!!’

(20). इंटरव्यू

इंटरव्यू Interview

एक बार रमेश नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया। इंटरव्यू लेने के लिए एक लेडी बैठी थी।

लेडी : ‘क्या आप शराब पीते हो?’

रमेश : ‘हा।’

लेडी : ‘कितनी?’

रमेश : ‘करीब 6 पैग रोज के।’

लेडी : ओह! 6 पैग कितने के होते हैं?’

रमेश : ‘करीब 1000 रुपए के।’

लेडी : ‘कब से पी रहे हो?’

रमेश : ‘करीब 14 साल से।’

लेडी : ‘ओह! इसका मतलब आप रोज 1000 रुपए के हिसाब से महीने के 30,000 रुपए शराब में उड़ाते हो, मतलब साल के 3,60,000 रुपए। इस हिसाब से तुमने पिछले 14 साल में शराब पर 50 लाख रुपए उड़ा दिए। क्या तुम जानते हो 50 लाख रुपए में तुम एक बीएमडब्ल्यू खरीद सकते थे?’

रमेश : ‘क्या आप भी पीती हैं?’

लेडी : ‘नहीं, मैंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया।’

रमेश : ‘चल फिर दिखा तेरी बीएमडब्ल्यू कहां है?’

इसी के साथ हम इस Article को यही पूरा करते हैं। आशा करता हूँ की इस Article के चुटकुलों से आपको ख़ुशी हुई होगी। अगर आपको ये Article के चुटकुले पढ़कर मझा आया हो, तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह चुटकुले जरूर साझा करें एवं नई-नई जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट articletree.in को अवश्य विजिट करें। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद !

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